विज्ञापनों की दुनिया में रोजगार की बहार....सुशील शर्मा


Article by-सुशील शर्मा शिक्षाविद


विज्ञापन की दुनिया ग्लैमर से युक्त सिर्फ एक चमकदार कारोबार ही नहीं है बल्कि विश्व अर्थव्यवस्था  को सबसे ज्यादा  राजस्व इसी से मिलता है। विज्ञापन की दुनिया अरबों दर्शकों, श्रोताओं और पाठकों को अपने जादुई आकर्षण में बांधे रखती है। व्यवसाय के रूप में यह दुनिया भर के युवक-युवतियों का पसंदीदा पेशा है। भारत में विज्ञापन का कारोबार दस हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का है और देश भर में 800 से ज्यादा मान्यता प्राप्त विज्ञापन एजेंसियां हैं। आज भारतीय विज्ञापन उद्योग ने अंत. रराष्ट्रीय मंचों पर भी अपनी एक अलग पहचान बना ली है, भले ही यहां तक पहुंचने में उसे एक लंबा सफर तय करना पड़ा होविज्ञापन का संसार बहुत बड़ा है। इसके कई क्षेत्र हैं जिसमें हमेशा ही रोजगार के नए अवसर बनते रहते हैं। एकाउंट प्लानिंग, लेखा नियोजन विभाग का कार्य विज्ञापन के लक्ष्य समूह को समझने और इस तरह समूचे विज्ञापन को विकास प्रक्रिया में प्रदर्शित करने की जिम्मेदारी होती है। यह देखता है कि विज्ञापन लक्षित समूह के लिए काम करे लेखा प्रबंधन, यह किसी भी विज्ञापन एजेंसी की रीढ़ की हड्डी मानी जाती है। ये विभाग विज्ञापन एजेंसी और विज्ञापन दाता के बीच मध्यस्थता का कार्य करता है यह ग्राहक से निर्देश प्राप्त कर एजेंसी की दूसरी शाखा को बताता है। इसके अलावा कंपनी की गुणवत्ता पर भी इसकी नजर होती है। सृजनात्मक सेवाएं इस विभाग के तहत कॉपी राइटिंग और ग्राफिक्स विभाग आता है।



कॉपी विभाग की जिम्मेदारी विज्ञापन दाताओं के लिए प्रेरणादायक संदेश लिखने की होती है। जबकि ग्राफिक्स विज्ञापन का वास्तविक चित्र प्रस्तुत करता है। एक कॉपीराइटर में जहां लेखक के तमाम गुण होने चाहिए वहीं ग्राफिक डिजाइनर में एक निर्देशक का मीडिया सेवा, मीडियाकर्मियों के लिए मीडिया बाजार की जानकारी होना आवश्यक है। मीडिया विभाग का काम लक्षित समूह के लोगों की आवश्यकताओं के अनुरूप उपयुक्त मीडिया का चुनाव करना है। ट्रैफिक, यह समय सीमा के भीतर कार्य पूरा करने और बाहरी संगठनों जैसे मीडिया हाउस, सप्लायर के साथ तालमेल बनाने का प्रयास करता है। उदारीकरण के बाद बहुराष्ट्रीय कंपनियों के आने से उत्पादों के बीच प्रतिस्पर्धा तेजी से बढ़ी है जिसमें अपनी खास भूमिका के साथ विश्वस्तरीय विज्ञापन एजेंसियां सामने आईं। विज्ञापन एजेंसी में आने के इच्छुक अभ्यर्थी इनमें से किसी भी क्षेत्र में जा सकते हैं। लेकिन हर क्षेत्रों के लिए अलग-अलग योग्यता की जरूरत है। लेखा नियोजन के लिए व्यवसायिक प्रशासन और समाजशास्त्र की पृष्ठभूमि उपयुक्त है। मीडिया नियोजन के लिए अभ्यर्थी को अर्थशास्त्र और सृजनात्मक क्षेत्र के लिए लेखन का ज्ञान होना चाहिए। विज्ञापन के क्षेत्र में कॅरियर बनाने के इच्छुक अभ्यर्थी के लिए विभिन्न शिक्षण संस्थानों में अलग-अलग पाठ्यक्रम हैं। जिनमें नामांकन के लिए योग्यता भी अलग-अलग है। लेकिन ज्यादातर पाठ्यक्रम स्नातक अभ्यथियों के लिए ही हैं इस पाठ्यक्रम में दाखिला प्रवेश परीक्षा या फिर मेरिट के आधार पर मिलता है।ज्यादा जानकारी इन शिक्षण संस्थानों से हासिल की जा सकती है राजेन्द्र प्रसाद इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड कम्युनिकेशन, मुंबई।स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन मैनेजमेंट स्टडीज, कोचीन, केरल। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एडवरटाइजिंग, नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान, नई दिल्ली। . वाईएमसीए सेंटर फॉर मास मीडिया, नई दिल्ली। भारतीय विद्या भवन, नई दिल्ली।डिपार्टमेंट ऑफ जर्निलस्म एंड कम्युनिकेशन, नासिक।