जीवन संघर्ष है परिवर्तन लाने का : डॉ.ए.पी.जे अब्दुल कलाम..

Written by :- निकिता कश्यप 


संघर्ष का ही दूसरा नाम है इस दुनिया में हर जीवीत प्राणी अपने जीवन को व्यतीत करने के लिए संघर्ष कर रहा है। जीवन में संघर्षों का सामना हर मोड़ पर एक नए रूप में करना पड़ता है फिर चाहे संघर्ष प्रकृति के साथ हो, स्वंय के साथ हो या परिस्तिथियों के साथ हो। तरह तरह के संघर्ष आये दिन हमारे सामने एक चुनौती के रूप में खड़े होते है।



जिनसे सामना करना या डर कर भागना हमारा निर्णय होता है। हर सफल इंसान की जिंदगी में अपनी सफलता पाने के पीछे एक संघर्ष की कहानी जरूर होती है। वास्तव में जब व्यक्ति अपने संघर्षों से दोस्ती कर लेता है,  तो संघर्ष का सफर उसके लिए आसान बन जाता है। उसे कठिन-से-कठिन डगर को पार करने में मदद करता है लेकिन यदि व्यक्ति जबरन इसे अपनाता है और बेरुखी के साथ इस मार्ग पर आगे बढ़ता है तो वह ज्यादा दूर तक नहीं चल पाता। जब हम संघर्ष करते हैं तभी हमें अपने बल व सामर्थ्य का पता चलता है। संघर्ष करने से ही आगे बढ़ने का हौसला, आत्मविश्वास मिलता है और अंततः हम अपनी मंजिल को हांसिल कर लेते हैं। हमे कभी भी संघर्ष और दुख को आपस में नही जोड़ना चाहिए क्योंकि आये दिन जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते है। जीवन को सिक्के के दो पहलू की तरह भी देखा जा सकता है। जिस प्रकार सिक्के के दो पहलू होते है उसी प्रकार जीवन के भी दो पहलू होते है। जिसमे एक तरफ सुख और दूसरी तरफ दुख होता है लेकिन कभी भी संघर्ष के समय को जीवन के दुखी पहलू में नही तोलना चाहिए। संघर्ष करते हुआ मत घबराना क्योंकि संघर्ष के दौरान ही इंसान अकेला होता है लेकिन सफलता के बाद सारी दुनिया उसके साथ होती है। इन दिनों प्रतियोगी परीक्षाओं में ऐसे विधार्थी अव्वल आ रहे हैं, जिनके जीवन में संसाधनों का अभाव था और उनका जीवन भी कई तरह की समस्याओं से घिरा हुआ था। सफलता की इस कड़ी में देश की ऐसी बेटियाँ भी अव्वल आईं।  जिनके पिता मजदूरी करते थे और ऐसे बेटे भी चमके, जिनकी परवरिश झुग्गी– झोंपड़ियों में संसाधनों के अभावों के बीच हुई। जिनकी माँ घर-घर साफ सफाई का काम करके पैसे जमा करतीं और पिता रिक्शा चला कर या मजदूरी कर घर चलाते।



इस तरह  संघर्ष पूरे परिवार ने एक साथ किया और अपने भाग्य को चमकाया। संघर्ष की लगन ही व्यक्ति की लक्ष्य की और गति को थमने नहीं देती, आशा की किरण को टूटने नहीं देती, बल्कि उत्साह,उमंग को निरंतर बढ़ाती है और यही कारण है कि आज देश में अभावों के अंधेरों के बीच भी सफलता की रोशन राहें निकल रही है। भारत में अनेक ऐसे महापुरूष है जिनकी संघर्ष की अदभुत कहानियां आज हमें प्रेरणा देती है की संघर्ष एक दिन सफलता का करण बनता है। ऐसे ही एक महापुरूष भारत के राष्ट्रपति रह चुके,  डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जोकि एक वैज्ञानिक थे। इन्हें मिसाईलमेन के नाम से भी जाना जाता था। डॉ. कलाम ने भी अपने जीवन में अनेक संघर्षों का सामना किया लेकिन अभावों के बावजूद भी वे आगे बढ़ते रहे। शिक्षा जारी रखने के लिए कलाम को  अखबार बेचने का काम भी करना पड़ा। यदि वे उन संघर्षों से हार जाते तो शायद ही मिसाइलमैंन नही बन पाते। संघर्ष से इंसान कामयाबी पाता है। कामयाब लोग अपने फ़ैसले से दुनिया बदल देते है और नाकामयाब लोग दुनिया के डर से अपने फ़ैसले बदल देते है।