अयोध्या में आज दो लाख लोगों के जुटने का दावा, धर्म सभा से पहले किले में बदली रामनगरी

दर्द-ए-दिल्ली


संवाददाता प्रिंस सोलंकी


अयोध्या एक बार फिर सियासी अखाड़ा बन गई है. शिवसेना प्रमुख शनिवार से रामनगरी में डेरा डाले हुए हैं. भव्य राम मंदिर के निर्माण को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए विश्व हिंदू परिषद द्वारा रविवार को राम की नगरी में धर्म सभा का आयोजन किया जा रहा है. धर्म सभा में शामिल होने के लिए शनिवार से ही साधु-संतों और रामभक्तों के आने का सिलसिला जारी है. माहौल को देखते हुए सुरक्षा के तगड़े बंदोबस्त किए गए हैं, ताकि कोई अप्रिय घटना न घटे.



विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और बजरंग दल के हजारों कार्यकर्ता देश भर से बसों और ट्रेनों के जरिए अयोध्या पहुंच चुके हैं और सुबह 11 बजे होने वाली धर्म सभा में हिस्सा लेने के लिए कारसेवकपुरम के बड़े भक्तमल की बगिया में इकट्ठा हो रहे हैं. माना जा रहा है कि इस सभा में आरएसएस के 1 लाख और वीएचपी के 1 लाख कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे. सिर्फ वाराणसी से 10000 बजरंगी (बजरंग दल) आयोध्या पहुंच रहे हैं.


वीएचपी की धर्म सभा से पहले शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सुबह साढ़े 9 बजे के लगभह रामलला के दर्शन किए. दर्शन कर वे सीधे होटल लौट गए. धर्मसभा से पहले अयोध्या में सुरक्षा के चाक चौबंद बढ़ा दिए गए हैं.


वीएचपी के अंतरराष्ट्रीय महासचिव सुरेंद्र जैन के मुताबिक रविवार को होने वाली धर्म सभा के बाद आरएसएस और वीएचपी के प्रतिनिधि सभी दलों के नेताओं से मुलाकात करना शुरू करेंगे और राम मंदिर पर कानून लाने के लिए समर्थन मांगेंगे. प्रयाग में 31 जनवरी और 1 फरवरी को होने वाली धर्म सभा के समापन के बाद राम मंदिर निर्माण के लिए सभी शहरों के मंदिरों में प्रार्थना और यज्ञ का आयोजन होगा.


बड़ी संख्या में साधु-संतों और लाखों कार्यकर्ताओं के अयोध्या पहुंचने पर उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा बहुस्तरीय सुरक्षा की व्यवस्था की गई है, जिसमें 70 हजार पुलिस जवान तैनात किए गए हैं.


 

6 दिसंबर 1992, बाबरी विध्वंस की याद अयोध्या में रहने वाले अल्पसंख्यकों के जेहन में अभी भी ताजा है. मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए कई अल्पसंख्यक परिवारों के अयोध्या छोड़ने और दूसरे शहरों में रिश्तेदारों के यहां शरण लेने की खबरें भी आ रहीं हैं. लिहाजा अल्पसंख्यक समाज इस धर्म सभा से निकलने वाले संदेश और इसके परिणाम को लेकर सशंकित हैं.


इससे पहले शनिवार को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अयोध्या पहुंचे और साधु-संतों से मुलाकात की. शिवसैनिकों और साधु संतों को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे राम मंदिर निर्माण का श्रेय नहीं चाहिए. मुझे राम मंदिर निर्माण की तारीख चाहिए. हम सब मिलकर राम मंदिर का निर्माण करेंगे. सब साथ आएंगे, तो राम मंदिर जल्द बनेगा.


रविवार होने वाली इस धर्म सभा में 3 लाख कार्यकर्ताओं के शामिल होने का दावा किया जा रहा हैं. इसके अलावा मंच पर 100-150 साधु-संत विराजमान होंगे और तकरीबन 50-60 लोगों का संबोधन होगा. मंच पर शामिल होने वालों में अहम संतों में जगतगुरु रामानंदाचार्य, स्वामी हंसदेवाचार्य, रामभद्राचार्य, रामेश्वर दास वैष्णव, राम जन्मभूमि न्यास के महंत नृत्य गोपाल दास का नाम शामिल है. बता दें कि इस धर्म सभा में किसी नेता के शामिल होने की अनुमति नहीं है.