विश्व एड्स दिवस की कैसे हुई शुरुआत? जानिए

दर्द- ऐ- दिल्ली


संवाददाता कमल पवार


विश्व एड्स दिवस हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है. इसका उद्देश्य एचआईवी संक्रमण की वजह से होने वाली महामारी एड्स के बारे में जागरूकता बढ़ाना है.



नई दिल्ली: विश्व एड्स दिवस  हर साल 1 दिसंबर को मनाया जाता है. विश्व एड्स दिवस  का उद्देश्य एचआईवी संक्रमण की वजह से होने वाली बीमारी एड्स के बारे में जागरुकता बढ़ाना है. साल 2018 में वर्ल्ड एड्स डे की थीम अपनी स्थिति जानें' है. इसका मतलब यह है कि हर इंसान को अपने एचआईवी स्टेटस की जानकारी होनी चाहिए. एड्स  वर्तमान युग की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है. UNICEF की रिपोर्ट के मुताबिक 36.9 मिलियन लोग HIV के शिकार हो चुके हैं. भारत सरकार द्वारा जारी किए गए आकड़ों के अनुसार भारत में एचआईवी (HIV) के रोगियों की संख्या लगभग 2.1 मिलियन है.

कैसे हुई विश्व एड्स दिवस की शुरुआत?
विश्व एड्स दिवस सबसे पहले अगस्त 1987 में जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर नाम के व्यक्ति ने मनाया था. जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर विश्व स्वास्थ्य संगठन में एड्स पर ग्लोबल कार्यक्रम (WHO) के लिए अधिकारियों के रूप में जिनेवा, स्विट्जरलैंड में नियुक्त थे. जेम्स डब्ल्यू बुन और थॉमस नेटर ने WHO के ग्लोबल प्रोग्राम ऑन एड्स के डायरेक्टर जोनाथन मान के सामने विश्व एड्स दिवस मनाने का सुझाव रखा. जोनाथन को विश्व एड्स दिवस मनाने का विचार अच्छा लगा और उन्होंने 1 दिसंबर 1988 को विश्व एड्स डे मनाने के लिए चुना. बता दें कि आठ सरकारी सार्वजनिक स्वास्थ्य दिवसों में विश्व एड्स दिवस शामिल है.


इन वजहों से होता है एड्स
-अनसेफ सेक्स (बिना कनडोम के) करने से.
-संक्रमित खून चढ़ाने से.
-HIV पॉजिटिव महिला के बच्चे में.
-एक बार इस्तेमाल की जानी वाली सुई को दूसरी बार यूज करने से.
-इन्फेक्टेड ब्लेड यूज करने से.

एचआईवी के लक्षण? 
एचआईवी/एड्स होने पर निम्‍न प्रकार के लक्षण दिखाई देते हैं...
-बुखार
-पसीना आना
-ठंड लगना
-थकान
-भूख कम लगना
-वजन घटा
-उल्टी आना
-गले में खराश रहना
-दस्त होना
-खांसी होना
-सांस लेने में समस्‍या
-शरीर पर चकत्ते होना
-स्किन प्रॉब्‍लम