दम तोड चुके अखबारों के लिए संजीवनी बनेगा नवलेखा...

Written by :- योगेश कुमार सोलंकी



ऑफलाइन अखबारों को ऑललाइन के माध्यम से नवलेखा सम्पादकों के लिए सुनहरा मौका लाया है। गुगल की नई पेशकश के तहत नवलेखा योजना शुरु की गई है। इसकी सेमिनार आईटीसी होटल चाणक्यपुरी में  आयोजित की गई। इस सेमिनार में अलग-अलग भागों में अलग-अलग तरीके से नवलेखा के साथ जुड़ने के तरीके बताए गए। नवलेखा कार्यक्रम को प्रमोशन करने के लिए गूगल की तरफ से पूरी टीम मौजूद रही  और मंच का संचालन रंदीप के द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में टोकियो जापान एंव केलिफोर्निया से गूगल की टीम के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे। मंच के माध्यम से उपस्थित समाचार संपादकों को गुगल नवलेखा पर वेबसाइट बनाने के लिए एक डेमों करके भी दिखाया गया। जिसमें बताया गया कि नवलेखा पर इस तरह से आप वेबसाइट बना सकते हैं। और किस तरीके से अपने आर्टिकल्स, न्यूज़ एवं अन्य संदेशप्रद खबरें अपलोड कर सकते हैं। यही नही इसके साथ उन्होंने आर्टिकल्स और खबरों की सुन्दरता के प्रतीक इमेज को कैसें अपलोड करें ये बताया गया। प्रयोगात्मक तरीके से ये सारी प्रक्रिया करके दिखाई गई। वैसे तो गूगल ने अपने अनेकों प्रोडेक्ट  चला रखे हैं  लेकिन नवलेखा योजना गुगल की एक अनोखा प्रोडक्ट है। जिसमें ऑफलाइन अखबारों को ऑनलाइन करने के लिए मुहिम चलाई गई है। जहां एक तरफ आपकी प्रिंटिंग सामग्री के पैसे और समय की बचत होगी वहीं दूसरी तरफ नवलेखा के साथ जुड़कर आपको ऑनलाइन असंख्य रीडर्स मिलेंगे। यही नहीं यदि आप की खबर और आर्टिकल लोगों को पसंद आएंगे और उन पर वीवर्स बढ़ते हैं, तो गूगल आपके लिए गूगल एंडसंस द्वारा  विज्ञापन भी उपलब्ध कराएगा। ...



जिससे भविष्य में आपकी आमदनी भी बढ़ने के आसार हैं। इस सेमिनार में दिल्ली एनसीआर सहित अन्य राज्यों से सैंकड़ों अखबार के संपादकों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम की एक कड़ी के तहत नवलेखा से पहले से जुड़े संपादक और उनके द्वारा की गई मेहनत को सराहते हुए कई समाचार पत्र एवं मैगजीन के संपादकों को नवलेखा की टीम ने मंच के माध्यम से अन्य उपस्थित संपादकों के समक्ष उनके नवलेखा के साथ जुडने के अनुभव शेयर कराएं। उनसे नवलेखा के साथ जुड़ने से फायदे और नुकसान के बारे में भी जाना गया। जिसमें सभी ने नवलेखा की सराहना करते हुए बताया कि नवलेखा के साथ जुड़कर किसी को भी कोई परेशानी नहीं होगी बल्कि मेहनत करने वाले का अखबार अथवा मैगजीन देश और दुनिया में जन-जन तक पहुंचेगा। यदि आपके आर्टिकल और खबरें अच्छा मुकाम हासिल करती हैं, तो आपकी आमदनी का भी जरिया बन जाएगा। इसके लिए गूगल ने नवलेखा कार्यक्रम के माध्यम से प्रत्येक अखबार के संपादक को निशुल्क उनके अखबार की वेबसाइट बनाकर 3 साल की निशुल्क सेवा प्रदान की है। फिलहाल तीन साल तक इस सेवा का खर्च गूगल टीम उठाएगी। दर्द ए दिल्ली समाचार पत्र की टीम भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बनी। इस मौके पर दर्द ए दिल्ली के सम्पादक योगेश कुमार सोलंकी ने कहा कि नवलेखा डूबते अखबारों का किनारा है, नवलेखा से जुडने पर जो अखबार अपनी पहचान खो चुके, जो आर्थिक तंगी या अन्य कारणों से अपनी पहचान खो चुके वे नवलेखा के माध्यम से अपनी पहचान तो स्थापित करेंगे ही साथ ही साथ देश और दुनिया में अपने  काम के दम पर अपना नाम भी रोशन कर सकेगें। उन्होंने कहा कि नवलेखा दम तोडते अखबारों के लिए संजीवनी का काम करेगा।...