दिल्ली पुलिस को व्यवहारिक कौशलता बढ़ाने के लिए नियमित इनसर्विस प्रशिक्षण कार्यक्रम करने जरुरी..उपराज्यपाल

Reported by- सन्नी गुप्ता



दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कानून व्यवस्था की बैठक में दिल्ली पुलिस के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की समीक्षा की। इस बैठक में पुलिस आयुक्त, दिल्ली पुलिस, विशेष आयुक्त एवं संयुक्त पुलिस आयुक्त, दिल्ली  पुलिस उपस्थित थे।  उपराज्यपाल को ट्रेनिंग डिवीजन और सुरक्षा इकाई द्वारा आयोजित विभिन्न प्रक्षिक्षण/पाठ्यक्रमों के बारे में बताया गया जो दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों की दक्षता में वृद्धि करेंगे जैसे:- क्राउड कंट्रोल, एंटी संबोटेज चेक, आतंकवाद विरोधी उपाय, एरियल थेट, कलैक्शन आफ इंटैलिजेंस, ब्लाक और नाकाबंदी, बंदियों को लाना,हथियारों का संचालन, शार्ट एंड लांग रेंज फायरिंग, बम्ब डिस्पोजल की प्राथमिक जानकारी, विस्फोटकों का संचालन और उनको निरस्त करने के तरीकों के समय सुरक्षा मानकों का ध्यान रखना, कमाडो ट्रेनिंग आदि। उपराज्यपाल को यह भी बताया गया तुरंत कार्यवाही के लिए कि चार स्वाट टीमों का गठन किया गया है, जिसमें प्रत्येक में कमांडो,सब-इंस्पेक्टर और सिपाही तैनात हैं। सभी स्वाट टीमों के पास समर्पित बुलेट प्रूफ वाहन है जिसमें सभी तरह के हथियार /गोला बारूद और उपकरण आदि हैं। दिल्ली पुलिस ने 36 महिला कमांडो के साथ भारत की पहली महिला स्वाट टीम का गठन भी किया है। दिल्ली पुलिस ने वर्ष 2018 में 10,611 पुलिस कर्मियों को प्रशिक्षित किया। उपराज्यपाल ने पुलिस बल के भीतर प्रोफेशनललिजम को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने सभी तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों में साफ्ट स्किल को बढ़ाने पर भी जोर दिया। उपराज्यपाल ने दिल्ली पुलिस को सभी प्रशिक्षण कार्यक्रम में तकनीक को बढ़ावा देने के निर्देश भी दिए। अपराध की विज्ञान आधारित जांच भी इन कार्यक्रमों में शामिल की जाए। उपराज्यपाल ने पीसीआर युनिट और जन सुविधा डेस्क आफिसर के उचित व्यवहार की उपयोगिता पर बल भी दिया ताकि यह अधिक से अधिक जनोपयोगी हो सके। अंततः उपराज्यपाल ने इस क्षेत्र दिल्ली पुलिस द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना करते सलाह दी कि दिल्ली पुलिस इस तरह के रिफ्रेशर प्रशिक्षण कार्यक्रम नियमित रुप से आयोजित करे ताकि प्राप्त कुशलता का निरंतर उचित उपयोग हो सके।