दुष्कर्म की घटनाएं रोकने में समाज दे साथ : प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी

Reported by: संदीप कुमार 


नई दिल्ली : निर्भया के स्मरण में राष्ट्रीय कला केंद्र में महिला सुरक्षा और समाज विषय पर एक संगोष्ठी आयोजित की गई। इसमें दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने कहा कि निर्भया कांड के वर्षो बीत जाने व कई प्रयासों के बाद भी समाज में महिला उत्पीड़न, दुष्कर्म जैसे अपराध व दहेज जैसी कुरीति पर रोक नहीं लगी है। प्रतिवर्ष इस तरह के मामले सामने आते रहते हैं। उन्होंने कहा कि जब भी समाज में इस तरह की घटनाएं होती हैं तो इसके पीछे आरोपित की कुत्सित सोच व मानसिकता होती है। ऐसे में इस तरह की मानसिकता को सुधारने में समाज की भी भूमिका होनी चाहिए।



डायलॉग इनिशिएटिव फाउंडेशन व राष्ट्रीय महिला आयोग के तत्वाधान में आयोजित संगोष्ठी में मैक्स अस्पताल की मनोचिकित्सक डॉ. सौम्या मुद्गल ने कहा कि आज भी अखबारों के पन्ने महिला उत्पीड़न की खबरों से पटे रहते हैं। ऐसी घटनाओं को रोकने की जिम्मेदारी भी हमारी ही बनती है। वहीं, रेडियो जॉकी साएमा का कहना था कि हमारे समाज में आज भी लिंग भेद प्रचलन में है। इस कारण समाज में महिलाओं को पुरुषों की अपेक्षा में कमजोर समझा जाता है। इस भेदभाव को दूर किए जाने की जरूरत है। राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि देश में महिला सुरक्षा को लेकर कानून बनने के बावजूद महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। इस दौरान डायलॉग इनिशिएटिव फांउडेशन के संस्थापक ट्रस्टी राकेश योगी ने कहा कि सभी लोगों का सामाजिक रूप से जुड़े होने के बावजूद आपस में संवाद स्थापित नहीं है। इस कारण भी निर्भया जैसी घटनाएं जीवन का हिस्सा बनती जा रही है। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री श्रीनिवास ने कहा कि सामाजिक विकास के लिए समाज का शिक्षित होना महत्वपूर्ण है। महिला को स्वयं की सुरक्षा की जानकारी होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश महिला आयोग की सदस्य अवनी सिंह ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए सरकार को आगे आकर कड़े फैसले लेने पर जोर दिया। वहीं रक्त राइट ब्लीड फ्रीली संस्था की प्रोजेक्ट हेड पूजा गुलाटी ने कहा कि माता-पिता को खुलकर अपने बच्चों को सही व गलत में अंतर बताना चाहिए।



इस दौरान कार्यक्रम में तेजाब पीड़ित महिलाओं ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए सरकार से इन मामलों में आरोपितों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की। कार्यक्रम को तीन सत्रों में आयोजित किया गया। सभी सत्रों की अध्यक्षता मानव रचना विश्वविधालय की डीन डॉ. नीमो धर कर रही थीं। कार्यक्रम के पहले व तीसरे सत्र का संचालन माखन लाल चतुर्वेदी विश्वविधालय की सह प्रभारी रजनी नागपाल ने की।