मोबाइल नंबर और बैंक खाता से आधार को जोड़ना होगा स्वैच्छिक, दो कानूनों में होगा संशोधन

Reported by :- संदीप कुमार 


नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मोबाइल नंबर तथा बैंक खातों को जैविक पहचान वाले आधार कार्ड से स्वैच्छिक रूप से जोड़ने को कानूनी रूप प्रदान करने के लिए इससे संबंधित दो कानूनों में संशोधन के लिए संसद में विधेयक लाने के प्रस्तावों को सोमवार को मंजूरी दी.... 




प्रधानमंत्री की अध्यक्षता मैं हुई कैबिनेट की एक अहम बैठक मैं यह फैसला लिया गया. एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री के मुताबिक यह फैसला आम लोगों की सहूलियत के लिए किया गया है. मंत्रिमंडल ने टेलीग्राफ अधिनियम और मनी लांडरिंग रोकथाम अधिनियम में संशोधन के लिए प्रस्तावित विधेयकों के मसौदों को मंजूरी दी. यह निर्णय निजी कंपनियों को ग्राहकों के सत्यापन के लिए जैविक पहचान वाले आधार के इस्तेमाल पर सितंबर में सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद किया गया है. कोर्ट ने इस तरह के उपयोग के लिए कानूनी प्रावधान न होने के मद्देनजर यह रोक लगाई थी. इन कानूनों में प्रस्तावित संशोधन इसी के मद्देनजर किए जा रहे हैं..


 


सूत्रों ने कहा कि दोनों अधिनियमों को संशोधित किया जाएगा ताकि नए मोबाइल नंबर लेने या बैंक खाता खोलने के लिए ग्राहक स्वेच्छा से 12 अंकों वाली आधार संख्या को साझा कर सकें. सुप्रीम कोर्ट ने आधार अधिनियम की धारा 57 को निरस्त कर दिया था. यह धारा सिम तथा बैंक खाता के साथ आधार को जोड़ना अनिवार्य बनाती थी. इस समस्या से निजात पाने के लिए टेलीग्राफ अधिनियम को संशोधित किया जा रहा है. इससे आधार के जरिए सिमकार्ड जारी करने को वैधानिक समर्थन मिलेगा. इसी तरह मनी लांडरिंग रोकथाम अधिनियम में संशोधन से बैंक खातों से आधार को जोड़ने का मार्ग प्रशस्त होगा.



कैबिनेट ने पीएम उज्ज्वला योजना को यूनिवर्सल बनाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है. पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा, "आज कैबिनेट ने पीएम उज्ज्वला योजना को यूनिवर्सल करने का फैसला किया है. अब सारे गरीबों को जिनके पास एपीजी कनेक्शन नहीं है उन तक इसका फायदा पहुंचाया जाएगा. ऐसे सभी गरीब परिवारों को एक सेल्फ डिक्लरेशन देना होगा."  फिलहाल देश मैं 27 करोड़ परिवारों में से 25 करोड़ तक एलपीजी कनेक्शन पहुंचाया जा चुका है जिनमें गरीब परिवारों को दिए गए 5.86 करोड़ उज्ज्वला कनेक्शन हैं.