पांच वर्ष में शीर्ष पर पहुंचा स्वामी दयानंद अस्पताल का नर्सिंग स्कूल

दर्द-ए-दिल्ली


संवाददाता-प्रिंस सोलंकी



उत्तर पूर्वी दिल्ली :- पूर्वी दिल्ली नगर निगम के स्वामी दयानंद अस्पताल के नर्सिंग स्कूल ने इस वर्ष हुई परीक्षा में अन्य नगर निगम और दिल्ली सरकार के नर्सिंग स्कूलों को पीछे छोड दिया है। स्वामी दयानंद अस्पताल परिसर में पांच साल पहले शुरू हुए राजमाता विजयराजे सिंधिया नर्सिंग स्कूल ने जीटीबी अस्पताल, डीडीयू, बाड़ा हिंदूराव अस्पताल और कस्तूरबा अस्पताल के नर्सिंग स्कूलों से इस साल बेहतर प्रदर्शन किया है। राजधानी में करीब 17 नर्सिंग स्कूल है, जिनमें उपरोक्त 5 सरकारी हैं इनके अतिरिक्त निजी नर्सिंग स्कूल है। नर्सिंग स्कूलों में परीक्षा का संचालन दिल्ली नर्सिंग काउंसलिंग करता है। इस वर्ष प्रथम और द्वितीय वर्ष की परीक्षा सितंबर में आयोजित हुई थी। इसके नतीजे नवम्बर के अन्तिम सप्ताह में जारी कर दिए गए हैं। इनमें सबसे बेहतर नतीजे राजमाता विजयाराजे सिंधिया नर्सिंग स्कूल के रहे हैं। इस स्कूल की प्रथम वर्ष की 21 छात्राओं में 20 पास हो गई हैं वहीं एक छात्रा की सप्लीमेंट्री आई है। जबकि द्वितीय वर्ष की परीक्षा में 20 छात्राएं बैठी थी और सभी पास हो गई।



जीटीबी अस्पताल के फ्लोरेंस नाइटेंगल स्कूल ऑफ नर्सिंग की प्रथम वर्ष की 75 में से68 और द्वितीय वर्ष की 72 में से 69 छात्राएं पास हुई। जबकि नगर निगम के ही दूसरे हिंदू राव अस्पताल नर्सिंग स्कूल के भी नतीजे बेहतर रहे। प्रथम वर्ष की 26 में से 24 और द्वितीय वर्ष की26 में से 26 छात्राएं पास हुई। अन्य स्कूलों के नतीजे विजय राजे सिंधिया स्कूल से अच्छे नहीं रहे। सबसे बडी खास बात ये है कि स्वामी दयानंद स्कूल की स्थापना 2013 में हुई थी और महज 5 वर्षों में इस स्कूल ने अन्य स्कूलों से बेहतर नतीजे हासिल किए। स्कूल की प्रिंसिपल ऋतु सिंह ने भी शिक्षकों और छात्रों को बधाई देते हुए इसका श्रेय शिक्षकों और छात्रों की मेहनत को दिया है। दरअसल नर्सिंग स्कूलों में 3 साल का जीएनएम (जर्नल नर्सिंग मिडवाइफ) डिप्लोमा कोर्स होता है। इस कोर्स करने के बाद नर्सिंग स्टाफ के तौर पर इन लोगों का प्लेसमेंट निजी अस्पताल में होता है। सरकारी अस्पताल में नौकरी प्राप्त करने के लिए दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड (डीएसएसएसबी)की परीक्षा पास करनी होती है।