राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण की समस्या....





Reported by :  
 सुनाक्षी

डॉ भीमराव अम्बेडकर कॉलेज


राजधानी दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से लोगो को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए कई प्रयास कर रही है यदि प्रदूषण को नियंत्रित नही किया जा सका तो एक बार फिर "सम विषम " लागू होगा। 2016 में भी दो बार सम विषम योजना लागू कर प्रदूषण को नियंत्रित किया गया था। इसमें सम संख्या वाली तारीख के दिन सम नम्बर वाले वाहन और विषम संख्या वाली तारीख के दिन विषम नम्बर वाले वाहन को ही सड़को पर उतारने की मंजूरी मिली थी।यह सम विषम नम्बर वाहन के आखरी नम्बर के हिसाब से तय होता था।इसका उल्लंघन करने पर 2000 रुपए के चालान का प्रावधान भी था। 


 

सरकार लगातार प्रयास कर रही है इसके तहत पौधरोपण अभियान चलाया गया था वही तीन हजार बसे लाकर सार्वजनिक परिवहन को मजबूत किया जा रहा है ।सरकार ने दिल्ली में 160 नए झील बनाने की भी मंजूरी दे दी गयी है।सरकार अपने हर स्तर पर प्रयास कर रही है लेकिन  यह सिर्फ सरकार के करने से नही होगा इसके लिए सभी लोगो को जागरूक होना होगा की किस तरह हम प्रदूषण की समस्या को खत्म कर सकते है।इसका ज्यादातर प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है इसलिये हमे इस समस्या के लिए स्वयं कदम बढ़ाना होगा।


राजनीति के माहौल में प्रदूषण की समस्या को भी उतारा जा रहा है और एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाये जा रहे है।कोंग्रेस का कहना है कि 'आप' इस समस्या की रोकथाम करने में नाकाम साबित हुई और वह अपने वादों को पूरा नही कर सकी तो वही दूसरी ओर आप का कहना है की हवा की कोई बाउंड्री नही होती यह एक ऐसी समस्या है जिसे हम सब मिलकर निपटा सकते है।

 

इस प्रदूषण की समस्या से अपने स्वास्थ्य  को बचाने के लिए लोग मास्क का सहारा ले रहे है ताकि वह सुरक्षित रहे।दरअसल,मास्क सूक्ष्म कणों को तो छानते है मगर वे रसायन गैस वाष्प से हमारी रक्षा नही करते।इसलिए हमे यह जानना जरूरी है की कौन सा मास्क हमारे लिए सही है। जरूरी नही है ,की हर दुकानों पर मिलने वाले मास्क सही है।चीन में एक अध्ययन से हमे यह ज्ञात हुआ है कि जो मास्क चहेरे पर फिट नही बैठता वह मास्क हमे प्रदूषण से नही बचाता क्योंकि इससे छोटे छोटे धूल कण हमारे अंदर चले जाते है।लोगो को मास्क का चयन करने में बरतनी होगी सावधानी तभी वह सुरक्षित रहे सकेंगे।