सेल्फी ...जान से बढ़ कर है क्या?

दर्द-ए-दिल्ली


संवाददाता-सन्नी गुप्ता


वो फोटो जिसको खींचने में किसी दूसरे की जरुरत न पड़े यानी अपने हाथों से ही अपनी फोटो खिंच जाये। लोगों के ऊपर इसका इतना क्रेज है। कि अब बडी बडी मोबाइल कंपनियां अन्य फीचर्स के साथ ही सेल्फी कैमरे की तरफ ज्यादा ध्यान देने लगी हैं। आपको भी अपने आस-पास ऐसे बहुत सारे नजारे देखने को मिल जायेंगे जब लोग दुनिया को भूल सेल्फी लेने में मशगूल हो जाते हैं। कई बार तो खतरनाक जगहों और तरीकों को अपनाने से भी गुरेज नहीं करते।



वैसे सेल्फी से होने वाली दुर्घटनाओं की खबरें अक्सर आती रहती हैं मगर इस समय सबसे ज्यादा चर्चा में है दिल्ली का नवनिर्मित और बहुप्रतीक्षित सिग्नेचर ब्रिज' । जहाँ इस ब्रिज की खूबसूरती और खूबियों की चर्चा होनी चाहिए वहां इस पर होने वाली संभावित दुर्घटनाओं की चर्चा हो रही है। दिल्ली के साथ ही पूरे देश की शान बढ़ाने वाले सिग्नेचर ब्रिज से गुजरने वाला हर शख्स इसकी भव्यता को अपने कैमरे में कैद कर लेने की चाहत में नियम कानून की धज्जियां तक उड़ा रहा है। 'सिग्नेचर सेल्फी लेने की इस होड़ के चलते ब्रिज के दोनों तरफ भीड़ लगती जा रही है। कोई पोल पर चढ़कर तो कोई पुल की मुंडेर पर खड़े होकर सेल्फी ले रहे हैं। इतना ही नहीं लोग ब्रिज को बतौर सेल्फी प्वाइंट इस्तेमाल कर रहे हैं जो गलत है। वहीं अगर हम इस ब्रिज की खूबियों के बारे में बात करें तो यह ब्रिज असिमेट्रिकल केबल वाला भारत का पहला ओवरब्रिज है जिसका उदघाटन 4 नवम्बर को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने किया है। यह ओवर ब्रिज आउटर रिंग रोड को वजीराबाद से जोड़ता है मगर अफसोस इस ब्रिज को शुरू हुए हफ्ते भी नहीं बीते कि लोगों इसका भी मिसयूज शुरू कर दिया है। अगर हम सावधानी पूर्वक लोगों की ऐसी मानसिकता और सेल्फी के क्रेज को समझें तो कुछ चीजें बड़ी ही आसानी से सामने आती हैं जिनके बारे में चर्चा करना आवश्यक है जिसमें सबसे पहला नंबर है इंटरनेट का। कई बार देखने को मिलता हैं कि फ्रैंक वीडियो बनाने के चक्कर में लोग बच्चों और बूढ़ों तक को नहीं छोड़ते हैं और सामान्य मानवीय मूल्यों को भी ठोकर मार दे रहे हैं। इतना ही नहीं अक्सर खबरें आती हैं कि सड़क के किनारे किसी का एक्सीडेंट हुआ है और वहां मौजूद लोग दुर्घटना पर लाइव वीडियो कर रहे हैं और तो और सामने से आ रही ट्रेन के साथ भी लोग सेल्फी लेने की कोशिश कर रहे हैं। इस सन्दर्भ में दुर्घटना की कई खबरें आ चुकी हैं। यहाँ यह बताना जरुरी हैं कि ‘सेल्फी लेते हुए जान जाने के मामले में भारत का पहला स्थान है। यह हमारे लिए किसी उपलब्धि से कम नहीं है कि तेज स्पीड इंटरनेट से हम मनोवांछित कार्यों को आसानी से कर पा रहे हैं। ऐसे में इसका उपयोग सार्थक कार्यों के लिए होना चाहिए न कि टाइमपास के लिए। सेल्फी लेना गलत नहीं हैं। लेकिन सेल्फी में खूबसूरती दिखे जो दूसरों को भी प्रेरित करें, तब जाकर आप अच्छे फोटोग्राफर के साथ ही जिम्मेदार मनुष्य कहलायेंगे। इसलिए एक बात समझना आवश्यक है कि सेल्फी तो लो लेकिन नियम में रहकर और सावधानी पूर्वक क्योंकि जब तुम ही नहीं रहोगे तो उस सेल्फी की क्या कीमत है?