Reported by-प्रीती गौतम
तुरंत तीन तलाक को अपराध बनाने वाले विधायक पर गुरुवार को लोकसभा ने मंसूरी की मुहर लगा दी वोटिंग के दौरान विरोध में 11 और पक्ष में 245 वोट पड़े इससे पहले कांग्रेस ने bill को जॉइंट सिलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग ठुकराने पर वर्कआउट किया वर्कआउट करने वालों मैं एसपी आरजेडी एनसीपी तृणमूल टीडीपी AIADMk टीआरएस AIUDF अब इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा अधिकतर विपक्षी सांसदों ने इस बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने की मांग की है उससे संकेत है कि इसकी राज्यसभा में राह आसान नहीं होगा पहले भी तलाक बिल लोकसभा में पास हुआ था लेकिन राज्यसभा ने मंजूरी नहीं दी थी इसके बाद ही सरकार अध्यादेश लाई थी अब उसी को बिल के रूप में पेश किया गया है पिछले बिल के मुकाबले इस नई फिल्में तीन संशोधन किए I
तीन तलाक में किए नए 3 संशोधन!
:- पहले कोई भी या पुलिस खुद केस कर सकती थी पीड़िता या उसका सगा रिश्तेदार ही केस दर्ज करा सकेगा I
:- तुरंत तीन तलाक गैर जमानती और संघीय अपराध होने के कारण पुलिस को बिना वारंट गिरफ्तारी का अधिकार था अब मजिस्ट्रेट जमानत दे सकेंगे I
:- पहले समझौते का प्रावधान नहीं था लेकिन अब मजिस्ट्रेट के सामने समझौते का विकल्प खुला रहेगा I