व्यक्ति के "शख्स से शख्शियत" बनने की यात्रा....विदुषी शर्मा







Article by- डॉ.विदुषी शर्मा 


 

किसी भी व्यक्ति के "शख्स से शख्शियत" बनने की यात्रा है कोई भी अवॉर्ड , पुरस्कार या  सम्मान, और जब उसे कोई विशिष्ट पद या सम्मान, देश के प्रतिष्ठित व्यक्तियों द्वारा किसी विशिष्ट कार्यक्रम में प्रदान किया जाता है तो इस सम्मान में चार चांद लग जाते हैं।  यह उन्हीं व्यक्तियों को मिलता है जो साधारण से असाधारण बनने की शक्ति, जज्बा, जुनून,  प्रतिभा और हौसला रखते हैं। 

 

श्री अर्पित गुप्ता दिल्ली के जाने माने एडवरटाइजिंग और फैशन फोटोग्राफर है। जब किसी भी चीज का जुनून हद से ज्यादा हो जाता है तो हम उसे अपनी मंज़िल बना लेते हैं और जब अपने जुनून और अपनी पसंद के काम को पेशा बनाया जाता है तो उससे वो ऊँचाइयाँ मिलती हैं कि जिसेके बारे में हम सोच भी नहीं सकते क्योंकि हम जो भी करते हैं वह बहुत ही आनंद के साथ, बहुत ही निष्ठा के साथ करते हैं। इसलिए तो कहा जाता है कि करियर के लिए वहीं क्षेत्र चुनना चाहिए जो आपको पसंद हो।

अर्पित जी ने भी एडवरटाइजिंग और ग्राफ़िक डिजाइनिंग से अपने करियर की शुरुआत की तथा  फोटोग्राफी को अपना पेशा बनाया। फोटोग्राफी इनके लिए एक जूनून है और तभी इनको फोटोग्राफी में माहिर दिग्गजों के सानिध्य में रहकर काफी कुछ सीखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। 

अर्पित जी अंतरराष्ट्रीय प्रेस "दा गल्फ न्यूज़ " के फोटोग्राफर भी रह चुके है। किसी के भी होने की पहचान इतनी जल्दी समाज के सामने नहीं आती है जब हम दुनिया से कुछ हटकर करते हैं तभी हम दुनिया की नजरों में आते हैं। इसी के रहते शुरुआती दौर में इनके फोटोग्राफी के हुनर का सबको तब पता चला जब एक फोटोग्राफी वर्कशॉप के दौरान कांटेस्ट में इन्होंने तीन बड़े पुरस्कार प्राप्त किये। फोटोग्राफिक सोसाइटी ऑफ़ अमेरिका के इंडियन रीजनल डायरेक्टर श्री आर. के. पॉल के सानिध्य में रहकर अर्पित जी "पी. एस. ऐ". मैगज़ीन के लेखक बने।

इसी के साथ "दा बॉलीवुड फेसेस" मैगज़ीन के ऑफिशियल फोटोग्राफर भी हैं और फोटोग्राफी कि ट्रेनिंग भी देते हैं। इनकी काफी फोटो प्रदर्शनियां भी लग चुकी है। 

सामाजिक कार्यों में रूचि रखने वाले अर्पित शाहदरा क्षेत्र के एंटी करप्शन ग्रुप के अध्यक्ष भी है और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के साथ ट्रैफिक संचालित भी करते हैं। लेंस आयी न्यूज़ के मूल्यांकनकर्ता भी है। 

कहते हैं कि घर में जो माहौल होता है उसका असर सभी पर पड़ता है इसलिए श्री अर्पित  जी की पत्नी श्रीमती सीमा गुप्ता भी एक अच्छी फोटोग्राफर हैं और दोनों एक साथ फोटोग्राफी करते हैं।

"पूत के पांव तो पालने में ही दिख जाते हैं" इस कहावत को चरितार्थ करती हैं इनकी पाँच वर्षीय पुत्री नैनिका गुप्ता जो दुनिया की सबसे छोटी फोटोग्राफर हैं तथा जिनका नाम इंडिया बुक ऑफ़ रिकॉर्ड में दर्ज है।

 

मंथन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की तरफ से अर्पित गुप्ता जी को "मंथन संस्कृति रत्न अवार्ड" देते हुए गौरवान्वित महसूस करते हैं। यह अवार्ड प्राप्त करने के लिए इन को मंथन फाउंडेशन ऑफ इंडिया की तरफ से हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं। यह सम्मान समारोह थयाग राज स्टेडियम न्यू दिल्ली में किया गया।