ARTICAL by :- संदीप लाम्खा
26 जनवरी सिर्फ गणतंत्र दिवस के रूप में ही नहीं मनाया जाता अपितु 26 जनवरी को अनेक ऐसी घटनाएं हुई जिनके कारण 26 जनवरी इतिहास के पन्नों में दर्ज हो गया। 26 जनवरी सन 1930 को लाहौर के रावी नदी के तट पर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत में पूर्ण स्वराज्य की घोषणा की थी और उस दिन को स्वराज्य दिवस के रूप में देशवासियों ने मनाया था। इसी कारण भारतीय संविधान लागू करने के लिए 26 जनवरी सन 1960 को चुना गया अनूठा और इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाने की शुरूआत की गई। इतिहास के आइने में देखें तो 26 जनवरी सन 1957 को जम्मू एवं कश्मीर की संवैधानिक व्यवस्था लागू की गई और 26 जनवरी सन 1969 को मद्रास राज्य का नाम तमिलनाडू के रूप में परिवर्तित किया गया। अतीत के आईने में झांकें तो 26 जनवरी 1164 को राजा बीसल देव ने दिल्ली पर जीत हासिल की थी जबकि अलाउददीन खिलजी 26 जनवरी 1299 को दिल्ली के किले की नाकेबन्दी करने में कामयाब हुए थे।
मुगल सम्राट बाबर की मृत्यु 26 जनवरी 1530 को होने के कारण इसे शोक दिवस के रूप में भी कुछ दिनों तक मनाया गया। यह भी संयोग ही है कि बाबर के बेटे हुमायूं की मृत्यु भी 26 जनवरी के ही दिन सन 1556 को हुई थी। कोलकत्ता से पेशावर तक जिस बादशाह शेरशाह सूरी के नाम से सड़क बनाई गई थी,ने 26 जनवरी को ही सन 1539 में हुमायूं पर विजय पाई थी। बादशाह अकबर को 26 जनवरी 1554 को सलीम के रूप में पुत्र की प्राप्ति हुई थी तो बादशाह नादिर शाह ने भी दिल्ली पर आक्रमण करने के लिए 26 जनवरी 1720 का ही दिन चुना था। मुगल सुल्तान टीपू ने 26 जनवरी 1792 को युद्ध के दौरान अंग्रेजों के दांत खट्टे किये थे। वही 26 जनवरी 1264 को नसीरुद्दीन महमूद की मृत्यु के कारण यह तिथि इतिहास में दर्ज हुई। इसी तरह 26 जनवरी 1835 में अंग्रेजों ने काबुल में पहली बार दस्तक दी थी तो 26 जनवरी 1853 को भारत में यात्री रेल की शुरूआत हुई थी।
कोलकत्ता से मुम्बई के बीच पहली रेल भी 26 जनवरी 1861 को चलाई चगई थी। 26 जनवरी 1993 को देश में निजी बैंक खोलने की शुरूआत की गई तो 26 जनवरी को ही जन गण मन अधिनायक गीत को राष्ट्रीय सम्मान प्राप्त हुआतो है न अनूठा 26 जनवरी का इतिहास।