REPORTED BY :- चेल्सी रघुवंसी
लखनऊ : समाजवादी पार्टी से गठबंधन के बाद अपने 63वें जन्मदिन पर बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने कर्जा माफी योजना पर कांग्रेस को घेरा। उन्होंने मध्य प्रदेश समेत तीन राज्यों में कांग्रेस पर किसानों को धोखा देने का आरोप लगाया। सपा-बसपा कार्यकर्ताओं से पुराने गिले-शिकवे भुलाकर सरकार बनवाने की अपील भी की। भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि झूठे चुनावी वादों की दाल अब नहीं गलेगी। उत्तर प्रदेश ही तय करेगा कि केंद्र में किसकी सरकार बने और प्रधानमंत्री कौन होगा?
मंगलवार को बसपा दफ्तर में पत्रकारों के साथ बातचीत में सपा से गठबंधन को जरूरी बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे भाजपा की नींद उड़ गई है। मायावती ने हालिया विधानसभा चुनाव के नतीजों से भाजपा ही नहीं, कांग्रेस को भी सबक लेने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में बनी कांग्रेस सरकारों की कर्जमाफी योजना पर अंगुलियां उठ रही हैं। उन्होंने सवाल किया कि कर्जमाफी सीमा 31 मार्च 2018 क्यों निर्धारित की, जबकि सरकार 17 दिसंबर 2018 को चुनी गई। सिर्फ दो लाख रुपये के कर्ज माफ करने की घोषणा हुई है। इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा।
साहूकारों से लिए कर्ज माफी की नीति बने :
मायावती ने किसानों को लुभाने के नजरिये से कहा कि देश के सारे किसानों का पूरा कर्जमाफ किया जाना चाहिए। स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को पूरी ईमानदारी से लागू किया जाना चाहिए। किसान 70 फीसद कर्ज साहूकारों से ही लेते हैं और इसे माफ करने की अभी कोई नीति नहीं है। इसको लेकर नीति बनाने की जरूरत है। मायावती ने मुस्लिमों को रिझाने का मौका भी न छोड़ा। गरीबों को दस प्रतिशत आरक्षण देने का स्वागत करने के साथ ही मुस्लिमों को आर्थिक आधार पर अलग से आरक्षण की वकालत भी की। कहा कि आजादी के समय सरकारी नौकरियों में मुस्लिमों की संख्या 33 फीसद थी, जो अब केवल दो-तीन फीसद ही रह गई है। मायावती ने इस मौके पर बीते वर्ष भर पार्टी की गतिविधियों पर लिखी गई अपनी किताब ‘ब्लू बुक-मेरे संघर्षमय जीवन एवं बीएसपी मूवमेंट का सफरनामा’ का विमोचन भी किया।
तीसरे मोर्चे के गठन को दिल्ली पहुंचीं मायावती :
लोकसभा चुनाव में गैर भाजपा व गैर कांग्रेस तीसरे मोर्चे के गठन को पुख्ता करने के लिए बसपा प्रमुख मायावती मंगलवार को दिल्ली पहुंची। अब पश्चिमी उत्तर प्रदेश में जाट मतदाताओं को गोलबंद करने के मकसद से बसपा प्रमुख मायावती और अखिलेश यादव के साथ राष्ट्रीय लोकदल के नेता अजित सिंह की बुधवार को मुलाकात संभावित है।