दिल्ली के इतिहास में 2018 'ऐतिहासिक वर्ष' के तौर पर याद किया जाएगा: मनीष सिसोदिया

Reported by :- चेल्सी रघुवंसी 


नई दिल्ली
दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि दिल्ली के इतिहास में 2018 ‘ऐतिहासिक वर्ष’ के तौर पर याद किया जाएगा क्योंकि इस वर्ष ही उच्चतम न्यायालय ने निर्वाचित सरकार को प्रशासनिक और नीतिगत मुद्दों पर निर्णय लेने का अधिकार प्रदान किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली को 1993 में विधानसभा मिली थी लेकिन 2018 में शासन एवं लोकतंत्र के संदर्भ में 'एक और मील का पत्थर' साबित हुआ। बहरहाल, उच्चतम न्यायालय के 4 जुलाई के आदेश के बाद आप सरकार और उपराज्यपाल के कार्यालय के बीच पहले की तुलना में 2018 में कम रस्साकशी दिखी। 



उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि दिल्ली के उपराज्यपाल दिल्ली सरकार की 'सिफारिश एवं सलाह' से बंधे हुए हैं। सिसोदिया ने कहा, '1993 में दिल्ली को सरकार बनाने का अधिकार मिला लेकिन दिल्ली की लोकतांत्रित रूप से निर्वाचित सरकार को 2018 में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद पूर्ण अधिकार मिला।' उन्होंने कहा, 'यह लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था...2018 दिल्ली के इतिहास में एक ‘ऐतिहासिक वर्ष’ के तौर पर पहचाना जाएगा।' इस वर्ष घर तक राशन पहुंचाना, शहर भर में सीसीटीवी कैमरे लगाने सहित आप सरकार की कई महत्वकांक्षी योजनाएं भी पारित हुईं। 



सिसोदिया ने इसपर दुख जताया कि सेवाओं के दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर होने के कारण ‘आप’ नई नौकरियों का सृजन नहीं कर पाई। उच्चतम न्यायालय की दो न्यायाधीशों वाली पीठ ने सेवाओं और अन्य मुद्दों पर आदेश सुरक्षित रखा है जो किसी वक्त भी आ सकता है। उन्होंने कहा, 'दिल्ली सरकार के पास सेवाओं का अधिकार ना होने के कारण हम नई नौकरियों का सृजन नहीं कर सकते। हम नए स्कूल खोल सकते हैं, लेकिन जहां तक शिक्षकों की नियुक्ति की बात है तो वह उपराज्यपाल द्वारा की जा सकती है। हम नए अस्पताल खोल सकते हैं लेकिन डॉक्टरों की नियुक्ति का अधिकार उपराज्यपाल के पास है।' 


सिसोदिया ने 2019 में सेवाओं के दिल्ली सरकार के अधीन आने की उम्मीद भी जाहिर की। आप आदमी पार्टी सरकार की 2019 में मुफ्त वाई-फाई, 100 मोहल्ला क्लिनिक्स और घर तक राशन पहुंचाने सहित कई लंबित या जारी परियोजनाओं को पूरा करने की योजना है। आप सरकार दिल्लीवासियों को अभी उनके घर तक ड्राइविंग लाइसेंस, जन्म, मृत्यु, आय और शादी के प्रमाण पत्र सहित 40 सेवाएं प्रदान कर रही है। सिसोदिया ने कहा, 'मौजूदा वित्तीय वर्ष के अंत तक हम कुल 100 सरकारी सेवाएं प्रदान करेंगे।' 

इसके अलावा 2018 आप सरकार और पूर्व मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के बीच विवाद एक बड़ा मुद्दा बना। फरवरी में प्रकाश ने आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री निवास पर अरविंद केजरीवाल और उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के सामने आप के कुछ विधायकों ने उनके साथ हाथापाई की। इसके बाद BJP, कांग्रेस ने आप पर हमले करने की कोशिश की। जून में केजरीवाल, सिसोदिया और मंत्रिमंडल मंत्री गोपाल राय और सत्येंद्र जैन का उप राज्यपाल के कार्यालय पर 9 दिन तक दिया धरना भी खासा चर्चा में रहा। वे उपराज्यपाल से आईएएस अधिकारियों को 'हड़ताल' समाप्त करने और उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश देने की मांग कर रहे थे, जिन्होंने कई महीनों से काम रोक रखा था। इस दौरान उपराज्यपाल अनिल बैजल ने घर से काम करना शुरू कर दिया था।