Reported by :- संदीप कुमार
एनडीएमसी कन्वेंशन सेंटर में बुधवार को दिल्ली पुलिस की सालाना पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। 2018 में सालभर दिल्ली में सरेआम गैंगवार, हत्या, लूट, झपटमारी, अपहरण, डकैती व दुष्कर्म जैसी संगीन वारदात हुईं। फिर भी, दिल्ली पुलिस ने अपने आंकड़ों में बताया कि बीते वर्ष कुल आपराधिक मामले में 6.01 फीसद की बढ़ोतरी के बावजूद कुल संगीन आपराधिक मामले में 11.72 फीसद की कमी आई। आंकड़ों में जहां हत्या व फिरौती के लिए अपहरण में बढोतरी होने की बात कही, वहीं डकैती, हत्या के प्रयास, लूटपाट, दंगे व दुष्कर्म जैसी संगीन वारदात में कमी दर्ज होने के दावे किए।
पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने कहा कि दो करोड़ जनसंख्या वाले शहर में अपराध पर काबू पाना व बेहतर कानून व्यवस्था बनाए रखना दिल्ली पुलिस के लिए हमेशा से चुनौतीपूर्ण रहा है। दिल्ली पुलिस में संख्या बल की भारी कमी है, फिर भी महकमे के लोगों ने मेहनत से काम किया, जिससे कोई काम प्रभावित नहीं होने दिया गया। आयुक्त ने जहां पिछले साल स्मार्ट पुलिसिंग के लिए वेस्टर्न कॉन्सेप्ट अपनाने यानी आम लोगों को पुलिस से जोड़ने पर जोर दिया था वहीं इस साल उन्होंने डिजिटल पुलिसिंग, कम्युनिटी पुलिसिंग को और प्रभावी बनाने व अन्य सुधार की बात कही।
उन्होंने कहा कि पुलिस की सतर्कता के कारण पिछले साल आतंकवादी हमले से दिल्ली महफूज रही। स्पेशल सेल ने विभिन्न आतंकी संगठनों के 11 आतंकियों को दबोचा। 168 बड़े गैंगस्टरों को न केवल सलाखों के पीछे पहुंचाया गया बल्कि नकेल कसने के लिए कई पर मकोका भी लगाया गया। सड़कों पर होने वाले अपराध पर अंकुश लगाने के अलावा महिलाओं व बुजुर्गो की सुरक्षा को उन्होंने सर्वोच्च प्राथमिकता बताई।
पटनायक ने कहा कि गत वर्ष वाहन चोरी के मामले बढ़े तो उसके मुकाबले ज्यादा वाहन चोर भी पकड़े गए। पिछले साल आयुक्त ने संख्या बल की कमी के कारण वेस्टर्न कॉन्सेप्ट अपनाने की बात कही थी। विकसित देश अमेरिका, जर्मनी, थाईलैंड आदि में इस तरह की व्यवस्था है। दिल्ली पुलिस भी इस राह पर चल चुकी है। आयुक्त ने कहा कि इस साल वह डिजिटल पुलिसिंग, कम्युनिटी पुलिसिंग को और प्रभावी बनाने, तंत्र को मजबूत करने पर ध्यान देंगे। उन्होंने स्ट्रीट क्राइम रोकने के लिए जिले के डीसीपी व एडिशनल पुलिस कमिश्नर के साथ ग्रुप पेट्रोलिंग किए जाने के दावे किए।
यातायात व्यवस्था पर पटनायक ने कहा कि लालबत्ती पर कैमरे लगेंगे। तेज रफ्तार वाहनों को पकड़ने के लिए भी सौ जगहों पर मशीनें लगाई जाएंगी। उन्होंने कहा कि कम पुलिस बल के बावजूद अपराध नियंत्रित करने के साथ ही आठ हजार से ज्यादा वीवीआइपी गतिविधियों को चूकरहित संपन्न किया। उन्होंने कहा कि हर जिले में आर्थिक अपराध व साइबर सेल की शाखाएं शुरू करने पर काम चल रहा है।