एसटीएफ ने अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश, 23 बाइक बरामद

REPORTED by :- प्रिया शर्मा 


दक्षिणी दिल्ली : एसटीएफ ने अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन चोरों को गिरफ्तार किया। दो को पुल प्रहलादपुर थानाक्षेत्र व एक को गाजियाबाद से दबोचा गया। गिरोह का सरगना डांस एकेडमी का संचालक है। आरोपितों के कब्जे और उनकी निशानदेही पर चोरी की 23 बाइक बरामद की गई हैं। पूछताछ में आरोपितों ने दक्षिणी दिल्ली इलाके में 100 से ज्यादा वारदात को अंजाम देने की बात कबूली है।



डीसीपी दक्षिणी-पूर्वी चिन्मय बिस्वाल ने बताया कि 15 जनवरी को एसटीएफ की टीम को कुख्यात वाहन चोरों के क्षेत्र में आने की सूचना मिली। उस तारीख को शाम 5 बजे एसटीएफ ने पुल प्रहलादपुर थानाक्षेत्र में तुगलकाबाद आ रहे बाइक सवार दो युवकों को रोका तो रुकने के बजाय वे भागने लगे। इस पर पुलिस टीम ने घेराबंदी कर दोनों को थोड़ा आगे दबोच लिया। इनकी पहचान शुभम निवासी सहारनपुर व सूरज निवासी कन्नौज, उप्र के रूप में हुई। जांच के दौरान पता चला कि दोनों चोरी की बाइक पर सवार थे। यह इन्होंने पुल प्रहलादपुर थानाक्षेत्र से चोरी की थी। इनसे पूछताछ के बाद इनके साथी दीपक निवासी मेरठ के बारे में सूचना मिली। दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने उसे गाजियाबाद से गिरफ्तार किया। दीपक चोरी के वाहनों को मेरठ में बेचता था। तीनों से पूछताछ के बाद अलग-अलग जगह छापेमारी कर पुलिस ने चोरी की 23 बाइक बरामद कीं। वाहन चोरों को पकड़ने वाली टीम में इंस्पेक्टर मुकेश मोगा, सब-इंस्पेक्टर नानक चंद, सहायक सब-इंस्पेक्टर कृपाल, हेड कांस्टेबल श्रवण, अनिल कुमार, महेश चौहान, अवधेश, कांस्टेबल अमृत, संतवीर, अनुज व अर¨वद शामिल थे।


गर्लफ्रेंड के नाम पर किया डांस एकेडमी का नामकरण :


आरोपित शुभम ने 11वीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी। वह शुरू से डांसर बनना चाहता था। इसी के चलते तीन-चार साल पहले वह दिल्ली आया और उसने डांस सीखकर पुल प्रहलादपुर में एकेडमी खोल ली। उसने गर्लफ्रेंड मुस्कान के नाम पर डांस एकेडमी का नाम मुस्कान डांस एकेडमी रखा। शाही खर्च को पूरा करने के लिए वह वाहन चोरी के धंधे में आया। आरोपित सूरज इसी एकेडमी से डांस सीखता था। आर्थिक तंगी के चलते वह फीस नहीं भर पा रहा था तो वह भी डांस टीचर शुभम के साथ वाहन चोरी करने लगा। आरोपित दीपक पूर्व में कई बार जेल जा चुका है। उसके खिलाफ दिल्ली के गाजीपुर थाने में वाहन चोरी के तीन मुकदमे दर्ज हैं। प्रत्येक बाइक चोरी करने पर इन्हें पांच हजार रुपये मिलते थे, जिसे ये आपस में बांट लेते थे।