घर घर जनता के बीच ले जाएंगे ईवीएम मशीन व वीवीपैट ...

 REPORTED BY :- रेनुका राजपूत 


देश में आगामी लोकसभा चुनाव इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरीफाएबल पेपर ऑडिट ट्रायल (वीवीपैट) से होने हैं। ईवीएम पर उठे विवाद को लेकर लेकर कुछ महीने पहले सुप्रीम कोर्ट ने एक याचिका पर फैसला चुनाते हुए कहा था कि चुनाव ईवीएम और वीवीपैट से होंगे। कोर्ट के इस फैसले के बाद दिल्ली में पहला लोकसभा चुनाव होगा, जिसमें लोग ईवीएम और वीवीपैट से मतदान करेंगे।



दिल्ली के अन्य जिलों के मुकाबले पूर्वी जिले में मतदाताओं की संख्या अधिक है। ईवीएम और वीवीपैट को लेकर लोगों में जागरूकता लाने के लिए बुधवार को कश्मीरी गेट स्थित मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में डेमोक्रेसी ऑन व्हील कार्यक्रम की शुरुआत निर्वाचन अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह व पूर्वी जिलाधिकारी के महेश, एसडीएम (चुनाव) संदीप दत्ता ने की।इस कार्यक्रम के तहत जिला प्रशासन के अधिकारी ईवीएम और वीवीपैट मशीन लेकर जनता के बीच जाएंगे और बताएंगे यह किस तरह काम करती है। साथ ही मशीन को हैक करने वालों को चुनौती भी देंगे। डॉ. रणबीर सिंह ने कहा कि इससे पहले लोग ईवीएम से वोट करते थे, उन्हें पता नहीं होता था कि किसे वोट किया।



ईवीएम की मशीन वीवीपैट से जुड़ेगी, जैसे ही मतदाता अपना वोट डालेगा, ईवीएम से बीप की आवाज आएगी। साथ ही वीवीपैट की स्क्रीन के अंदर एक स्लिप दिखाई देगी, जिसमें मतदाता देख सकेगा उसने किस उम्मीदवार को वोट दिया है। सात सेकेंड तक यह स्लिप स्क्रीन पर रहेगी उसके बाद वीवीपैट के ड्रॉप बॉक्स में चली जाएगी। यह स्लिप मतदाता को नहीं मिलेगी। मतगणना के दौरान जरूरत पढ़ने या किसी उम्मीदवार के कहने पर ईवीएम और वीवीपैट दोनों की गिनती होगी। दो वर्ष तक वीवीपैट की स्लिप सुरक्षित रहती है। उन्होंने कहा कि पूर्वी जिले से इस कार्यक्रम की शुरुआत हुई है, लेकिन यह पूरी दिल्ली में चलाया जाएगा। 70 विधानसभा क्षेत्रों में एक ट्रक जाएगा, जिसे डेमोक्रेसी ऑन व्हील नाम दिया गया है। इसमें प्रशासन के दो अधिकारी और एक-एक मशीन होगी। के महेश ने कहा कि पूर्वी लोकसभा क्षेत्र में दस विधानसभा क्षेत्र है और इनमें 19.42 लाख मतदाता और 1844 पोलिंग बूथ है। प्रशासन पूर्वी जिले में 50 दिनों तक डेमोक्रेसी ऑन व्हील कार्यक्रम चलाएगा। तीन विधानसभा क्षेत्रों में 90 लाख से अधिक जनसंख्या है, गलियां काफी पतली हैं।



जहां तक ट्रक नहीं जा सकता है, इसलिए छोटे रिक्शों का सहारा लिया जाएगा। उनपर ईवीएम और वीवीपैट मशीनें रखी जाएंगी। संदीप दत्ता ने कहा कि मतदाता इस भूल में न रहे पहचान पत्र बना है तो वह चुनाव में मतदान कर लेंगे, उन्हें यह समझना होगा जब तक उनका नाम मतदाता सूची में नहीं होगा तब तक वह मतदान नहीं कर पाएंगे। बृहस्पतिवार से डेमोक्रेसी वाला कार्यक्रम स्कूल, कॉलेज सहित अन्य सार्वजनिक स्थानों पर चलाया जाएगा।