गोवा में अब खुले में शराब पीना और खाना पकाना होगा बैन, लगेगा जुर्माना...

Posted by-सन्नी गुप्ता



नागरिक समाज और पर्यटन उद्योग के हितधारकों के दबाव के कारण गोवा कैबिनेट ने गुरुवार को बैठक की। बैठक में पर्यटक व्यापार अधिनियम के तहत संशोधनों को मंजूरी दे दी गई है। अब इस अधिनियम के तहत सार्वजनिक उपद्रव मचाने वाले पर्यटकों पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। इसकी घोषणा करते हुए पर्यटन मंत्री मनोहर अजगांवकर ने कहा कि कानून को धत्ता बताने वाले पर्यटकों के बड़े समूहों पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगेगा और यदि वह फिर कानून का उल्लंघन करते हैं तो उन्हें जेल की सजा मिलेगी। 



अजगांवकर ने कहा, 'हमारे समुद्र तटों और पर्यटन स्थानों पर कोई भी बोतल है या शराब नहीं पी सकता है। खुले में खाना भी नहीं पकाया जा सकेगा। इन सभी अपराधों पर 2,000 रुपये का जुर्माना लगेगा। यदि जुर्माना नहीं दिया जाता है तो पंजीकृत अपराध के पैमाने में वृद्धि होगी। आरोपी को गिरफ्तार किया जाएगा और उसे तीन महीने की सजा मिलेगी।' इन संशोधनों को गोवा विधानसभा के आगामी बजट सत्र में पेश किया जाएगा।

राज्य के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर लगातार सार्वजनिक स्थलों पर शराब पीने पर प्रतिबंध लगाने का वादा करते रहे हैं। जिसमें बीच भी शामिल हैं लेकिन यह वादा कभी पूरा नहीं हुआ। यह साल पर्यटन के हिसाब से सबसे खराब रहा और पर्यटन उद्योग पर लगातार उन पर्यटकों पर नकेल कसने के लिए कहा गया जो कानून का उल्लंघन करते हैं।

गोवा के यात्रा और पर्यटन एसोसिएशन (टीटीएजी) के अध्यक्ष सैवियो मैसियास ने कहा, 'ऐसा नहीं है कि हम गोवा आने वाले पर्यटकों को रोक रहे हैं। लेकिन आपको पर्यटकों के व्यवहार को नियंत्रित करना होगा। जब भारतीय विदेश जाते हैं तो वह जगह-जगह थूकते नहीं हैं और न ही ठीक तरह के कपड़े पहने या शराब पीकर सड़क पर भागते हैं।'

राज्य के सर्वोच्च आतिथ्य उद्योग लॉबी समूह ने कहा कि कुछ पर्यटकों द्वारा किए जाने वाले अशिष्ट व्यवहार की वजह से अच्छे और विदेशी पर्यटक दूर हैं। डिप्टी स्पीकर माइकल लोबो ने कहा, 'फुटपाथ, सैर करने के मार्ग, बीच पर लोगों को शराब पीने और बोतल तोड़ने से रोंके। जिस मिनट आप ऐसा कर देंगे आप देखेंगे कि भीड़ गोवा आना बंद कर देगी।' 

लोबो ने आगे कहा, 'पर्यटक रेस्तरां या कमरे में शराब नहीं पीना चाहते क्योंकि वह जानते हैं कि यह खर्चीला है। वह केवल शराब खरीदकर बीच आकर शराब पीना चाहते हैं और महिलाओं को देखना चाहते हैं। इसके लिए हमारे मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं। उन्हें शराब को बैन करने के लिए कानून लाना चाहिए। अभी तक आदेश नहीं आया। हम सभी असहाय हैं। पर्यटक आता है और जो मन में आता है उसे करता है।'