हरियाणा ने रोका यमुना का पानी, दिल्ली है प्यासी..

REPORTED by :- रेनुका राजपूत 


नई दिल्ली : पानी को लेकर दिल्ली सरकार और हरियाणा सरकार के बीच विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को दिल्ली सरकार ने हाई कोर्ट में कहा कि हरियाणा द्वारा यमुना में पर्याप्त पानी छोड़ने में रुकावट पैदा की जा रही है। इस वजह से दिल्ली को साफ पानी नहीं मिल रहा है। दिल्ली सरकार के आरोप पर मुख्य न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन व न्यायमूर्ति वीके राव की पीठ ने हरियाणा सरकार को नोटिस जारी कर 4 फरवरी तक जबाब दाखिल करने के आदेश दिए हैं। मामले में अगली सुनवाई 5 फरवरी को होगी।



 


दायर जनहित याचिका पर दिल्ली जल बोर्ड की तरफ से अधिवक्ता दयन कृष्णन व अधिवक्ता सुमित पुष्कर्णा ने अदालत को बताया कि कैनाल की तरफ से छोड़े जाने वाले अतिरिक्त पानी को हरियाणा ने बंद कर दिया है। इससे वजीराबाद में उपलब्ध यमुना के पानी में अमोनिया की मात्र बढ़ गई है, जिसे शोधित नहीं किया जा सकता। वजीराबाद संयत्र पर शोधित होने वाले पानी की आपूर्ति मध्य दिल्ली में होती है । जल बोर्ड ने हरियाणा द्वारा पैदा की जा रही रुकावट को हटाने की मांग की है। कहा कि अगर हरियाणा यमुना में आने वाले प्रदूषण को नहीं रोक सकता तो फिर प्रदूषण को कम करने के लिए पानी की आपूर्ति को बढ़ाए। यह भी कहा गया कि पानी को रोकना एक आपराधिक मामला है और इसके लिए पांच साल की जेल का प्रावधान है। इतना ही नहीं ड्रेन नंबर-8 कैनाल को बंद करना सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का उल्लंघन है, जिसमें वजीराबाद प्लांट को पानी से हमेशा भरे रखने का आदेश दिया था।