जनता में विकास की अलख जगा रही है फिल्म “विकास की बहू”

WRITTAN BY :- प्रिंस सोलंकी 


नई दिल्ली



देश के प्रधानमंत्री की योजनाओं के आधार पर बनी फिल्म विकास की बहू देश और गांव के विकास में अपनी अहम भूमिका निभा रही है। इस फिल्म से गांव की महिलाओं में उनके अधिकारों और गांव के विकास के लिए सरकार द्वारा दी जा रही सुविधाओं के प्रति जागरूकता आई है। यह फिल्म करीब 8 माह पहले अमरोहा के एक गांव में फिल्माई गई थी। इस फिल्म में यह दिखाने की कोशिश की गई है कि हम अपना विकास खुद करा सकते हैं, बशर्ते हमें अपने अधिकारों की और विकास के लिए सरकार द्वारा जारी की गई योजनाओं की जानकारी हो। इस फिल्म के माध्यम से यह संभव हो सका है। जिसको देख कर कई गांव की महिलाओं ने आवाज भी उठाई और अपने विकास के लिए काम कराए हैं। इस फिल्म की कामयाबी का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि यह फिल्म अपने देश मे ही नही ब्लकि विदेशों में भी अवॉर्ड हासिल कर रही है। अमेरिका में कटिंग एडज इन्टरनेशनल फिल्म फेस्टिवल, इंग्लैण्ड में गोल्डन अर्थ फिल्म फेस्टिवल और जापान में जनरे सेलिब्रेशन फिल्म फेस्टिवल से अवॉर्ड लेने के बाद अब जर्मनी सरकार ने इस फिल्म को म्यूनिख अवार्ड के लिए नियुक्त किया है। इस फिल्म के नायक उत्तर कुमार ने बताया कि फिल्म में सबसे ज्यादा मेहनत फिल्म के किरदारों की और फिल्मांकन करने वाली टीम की रही है। फिल्में कोई त्रुटि ना रह जाए इसके लिए खुद फिल्म के नायक ने अपने नेतृत्व में पूरी फिल्म को तैयार कराया था। यही कारण है फिल्म देश के प्रधानमंत्री की योजनाएं और जनता के अधिकार के प्रति अपना अहम योगदान कर रही है।



इसी के चलते फिल्म के नायक उत्तर कुमार की अनेक फिल्म आ रही हैं।  वैसे दर्शकों को उत्तर कुमार धाकड छोरा की एक के बाद एक फिल्म के आने का इंतेजार रहता है। इसी के तहत शुक्रवार को फिल्म सादगी रिलीज हुई। फिल्म के रिलीज होते ही बेसबरी से इंतेजार कर रहे दर्शकों नें फिल्म को देख कर आनंद लिया। इस फिल्म में उत्तर कुमार का बहुत ही अहम किरदार दिखाया गया है। सादगी फिल्म के माध्यम से समाज को एक नया आईना दिखाने की कोशिश की गई है। इस फिल्म में सादगी भरी भूमिका निभाने वाले फिल्म के नायक उत्तर कुमार आपको कुछ अलग ही अंदाज में नजर आएंगे। फिल्म के अंदर पूरी कोशिश की गई है कि इंसान को कितनी भी मुसीबत हो या कितने ही जीवन में अटकलें आए लेकिन धैर्य नहीं खोना चाहिए। सादगी के साथ जीवन बीताना चाहिए। इससे वह खुद तो खुश रहता ही है साथ ही परिवार और समाज को भी उसकी सादगी से एक नई दिशा मिलती है। फिल्म के निर्देशक दिनेश चौधरी ने बताया कि सादगी फिल्म को देख कर जनता को एक नया आयाम मिलेगा और जीवन को जीने की एक नई कला सादगी में देखने को मिलेगी।