कैसे रखें दांपत्य खुशहाल.....? संदीप लाम्बा

Article by-संदीप लाम्बा



पा र पा री क वैवाहिक बंधन का स्वरूप बहुत ही आनंददायक रहा है। बाजे गाजे, दूल्हा बारात, सजे धजे रिश्तेदारों की गहमागहमी, कहीं खाने की उड़ती सोंधी खुशबू, कहीं फूलों से महकता वातावरण, ऐसे में नई नवेली कमसिन दुल्हन आंखों में सपने संजोए ससुराल आती थी जहां बच्चे जवान बड़े बूढे घर के सभी सदस्य उसके स्वागत के लिए तत्पर रहते थे। सब से बढ़कर एक नये जीवन साथी का अंतरंग साथ, बहुत कुछ नया अनबूझा अनुभूत करने, एक्सप्लोर करने को होता था। धड़कनें बेकाबू हो जाती हैं। पिया का स्पर्श मात्रा बदनमें हजार वोल्टेज के करंट मारने लगता था। पति पत्नी तन मन से एक दूजे हुआको स्वीकार लेते थे। एक एवरेज शादी, एक साधारण मध्यवर्गीय युगल जीवन के उतार चढ़ाव के साथ-साथ जीते प्रेम अपनत्व में डूबे यूं अपनी जिन्दगी का सफर गुजार लेते थे। इन्होंने दांपत्य पर कोई पोथी नहीं निस्संदेह पढ़ी, कोई रिसर्च काउंसलिंग नहीं की शिक्षा होती थी। पत्नी आज की भाषा में दब्बू होती थी। पति को आसानी से अपने ऊपर हावी हो जाने देती थी आज की भाषा में जिसे प्रताड़ना कहते हैं, ऐसा कुछ उसकी सोच में न था। पति उसे लेकर पजेसिव था। वह उसे अपने से जुदा नहीं समझता था। यहां पर सेपरेट आइडेंटिटी नहीं, सहअस्तित्व अहम बात थी। समय के बदलाव ने बहुत कुछ अच्छा बुरा देखा। यह क्यों और कैसे हुआ, यह सोशल एनालिस्ट को देखने दें। हमें तो सिर्फ यह देखना है कि आज जो तलाक के बढ़ते मामले एक ज्वलंत समस्या बन गए हैं, उनको कैसे रोका जाए। औरतों का अति शिक्षित होना निस्संदेह मुख्य कारण है क्योंकि इस शिक्षा ने अपने में नैतिकता बोध सम्मिलित नहीं किए हैं। यह भौतिक तरक्की का मार्ग प्रशस्त करती है। लेकिन घर में अंधियारा करवा कर। इसमें दो राय नहीं कि वैवाहिक जीवन सुखमय हो। इसकी जिम्मेदारी स्त्री पर ज्यादा होती है। बराबरी का इंका पीटते रहे तो स्थिति बद से बदतर होती चली जाएगी। आज जो सच है, हमें उसका सामना करते हुए ही चलना है। आज सब के लिए आदर्श स्थिति एक ही नहीं क्योंकि समाज में तेजी से उथल पुथल हुई है। आज पारंपरिक, आधुनिक तथा अत्याधुनिक तीनों तरह के रिश्ते निभाये जा रहे हैं। यहां पर भी मध्यम मार्ग ही गोल्डन रूल है। काम में हाथ बटाएं:- संयुक्त । परिवार में पति को घरेलू कार्यों में हाथ बटाने की जरूरत नहीं पड़ती थी लेकिन आज ज्यादातर औरतें कामकाजी हैं और परिवार भी एकल।ऐसे में पति के लिए गृहकार्यों में मददकरना जरूरी हो जाता है। पत्नी के छोटे-छोटे कार्यों में हाथ बंटा देने से आप यही जाहिर करेंगे कि यू केयर फॉर हर। आपको उसकी फिक्र है, उससे प्रेम है। आप उसे साथी समझते हैं, बांदी नहीं। सैक्स में रूचि लें:- यह एक बायलॉजिकल सच है कि स्वस्थ सैक्स संबंध तन मन से दंपति को सुखी रखते हैं। यौन संतृप्ति दंपति के सुखमय जीवन का आधार है। सैक्स के मामले को लेकर आज लोग काफी शिक्षित हो चुके हैं। प्रॉब्लम होने पर वे डॉक्टरी राय लेने में देर नहीं करते। वे एक्टिव सैक्स लाइफ में विश्वास रखते हुए प्यार बढ़ाते हैं। । एक दूसरे को उपहार देते रहें:आज जबकि पत्नी भी कमाने लगी है, अपने पैसों से पति के लिये वह यदा । । कदा उनकी जरूरत की चीज़ उन्हें उपहार स्वरूप देती रहे तो पति को अच्छा लगेगा। पति तो पत्नियों को । उपहार देकर उन्हें खुश करने के लिए । जाने ही जाते हैं। जरूरी नहीं कि उपहार पर आप हजारों रुपये खर्चे । उपहार में मिली छोटी सी चीज भी मन को खुशियों से भर देती है। आपसी प्यार बढ़ाने का यह नायाब । नुस्खा सदियों पुराना है, आजमाया हुआ है।