लोकायुक्त का नोटिस पूर्वाग्रह से ग्रसित : रामनिवास गोयल
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने कहा कि सोमवार को वह लोकायुक्त को पत्र लिखकर पूछेंगे कि उन्होंने किस कानून के अनुसार विधायकों से संपत्ति की जानकारी मांगी है। उन्होंने कहा कि विवेक गर्ग ने जब केवल आप के ही विधायकों की संपत्ति का ब्योरा मांगा था तो यह आवेदन ही रद हो जाना चाहिए था। ऐसा लगता है कि लोकायुक्त ने पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर यह जानकारी मांगी है। एक दिन पूर्व ही सरकार ने उनकी कार में जीपीएस न लगाने के अनुरोध को मानने से मना कर दिया था। अगले ही दिन उन्होंने नोटिस जारी कर दिया। कहीं बदले की भावना से नोटिस देने का आरोप न लगे इसलिए उन्होंने भाजपा के 4 विधायकों को भी नोटिस दिया है।
बता दें कि सरकारी कारों में जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) लगाने के मामले को लेकर दिल्ली सरकार सख्त हो गई है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह किसी को भी इस व्यवस्था से रियायत नहीं देगी। इसी के तहत सरकार ने लोकायुक्त रेवा खेत्रपाल के उस अनुरोध को भी ठुकरा दिया है जिसमें उन्होंने अपनी कार में जीपीएस न लगाने का अनुरोध किया था। 9 जनवरी को दिल्ली के सामान्य प्रशासन विभाग के मंत्री गोपाल राय ने लोकायुक्त को पत्र भेज दिया है।
दिल्ली सरकार के पास लगातार शिकायतें आ रही थीं कि अधिकारियों को उपलब्ध कराई गई कारों का दुरुपयोग हो रहा है। उनकी कारों को को दूसरे लोग भी इस्तेमाल करते हैं। इस पर पिछले साल सामान्य प्रशासन विभाग ने आदेश जारी कर निर्देश दिया था कि सभी अपनी कारों की सही जाकारी दें कि कितने घंटे चली है और दिनभर में कहां-कहां गई है। मगर इससे समस्या का हल नही हुआ तो दिल्ली सरकार ने नोटिस जारी किया कि सभी सरकारी कारों में जीपीएस लगाने की व्यवस्था की जाए। जिन कारों में जीपीएस नहीं होगा तो ईंधन नहीं दिया जाएगा। उसके बाद कारों में जीपीएस लगाए जाने का सिलसिला शुरू हुआ। अधिकतर सरकारी कारों में जीपीएस लग चुका है। केवल जजों को इस व्यवस्था ले अलग रखा है। जन शिकायत आयोग की तरफ से भी इस व्यवस्था से छूट की मांग की गई थी।