पोस्ट ऑफिस के इन सेविंग स्कीम में मिलता है टैक्स का लाभ, जानिए इसकी खासियत

Reported By : Kamal Pawar 


नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क) इंडिया पोस्ट या डाक विभाग आयकर लाभ के साथ कई बचत योजनाएं देता है। इन बचत योजनाओं का इस्तेमाल करके निवेशक आयकर में कटौती का दावा कर सकते हैं। आयकर अधिनियम की धारा 80 सी के तहत कर योग्य आय से निवेशक एक वित्तीय वर्ष में 1.5 लाख रुपये तक के छूट का दावा कर सकते हैं। इन डाकघर बचत योजनाओं पर ब्याज दरें सरकार की छोटी बचत योजनाओं के अनुरूप चलती हैं, जिन्हें तिमाही आधार पर बदला जाता है I



पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट, टाइम डिपॉजिट : पोस्ट ऑफिस फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) में आप एक स्पेसिफिक पीरियड के लिए एकमुश्त पैसा जमा कर सकते हैं I और गारंटी रिटर्न और ब्याज सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं। पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट (टीडी) या फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) खाता चार मच्योरिटी के दौरान ब्याज दरों की पेशकश करता है। जिनमें एक साल, दो साल, तीन साल और पांच साल का समय है। 5 साल की फिक्स्ड डिपॉजिट के तहत निवेश को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत छूट प्राप्त है।


पोस्ट ऑफिस पीपीएफ: पीपीएफ टैक्स की एग्जेंम्प्ट, एग्जेंम्प्ट, एग्जेंम्प्ट कैटेगरी में आता है। इसका मतलब हुआ कि इस खाते के मैच्योर होने पर मिलने मिलने वाली राशि, इस पर मिलने वाला रिटर्न और ब्याज आय तीनों इनकम टैक्स के छूट के दायरे में आती हैं। इस खाते में जमा की जाने वाली राशि आयकर की धारा 80C के अंतर्गत कर छूट के दायरे में आती है।


पोस्ट ऑफिस सीनियर सिटिजन स्कीम: पोस्ट ऑफिस की सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम का मैच्योरिटी पीरियड 5 वर्ष का है, जिसमें अगले तीन वर्षों का विस्तार दिया जा सकता है। हालांकि यह मैच्योरिटी के एक वर्ष बाकी रह जाने से पहले करना होता है। यह जानकारी इंडिया पोस्ट की आधिकारिक वेबसाइट पर दर्ज है। इंडिया पोस्ट डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट के अंतर्गत 1.5 लाख पोस्ट ऑफिसेज के जरिए देशभर में अपनी सेवाएं दे रहा है। इंडिया पोस्ट के सीनियर सिटिजन सेविंग अकाउंट में वर्तमान समय में 8.7 फीसद की दर से ब्याज दिया जा रहा है। इस खाते में जमा राशि पर मिलने वाला सालाना ब्याज 10,000 रुपये से ऊपर होता है तो उस पर टीडीएस भी काटा जाता है। इस स्कीम में किया जाने वाला निवेश आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80C के अंतर्गत कर छूट के दायरे में आता है।



नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी): छोटी अवधि के निवेश के लिहाज से यह एक बेहतर स्कीम है। इसका मैच्योरिटी पीरियड पांच वर्ष का होता है। पोस्ट ऑफिस की एनएससी के अंतर्गत वर्तमान में 8 फीसद की दर से ब्याज दिया जा रहा है, जिसकी गणना सालाना आधार पर की जाती है। पीपीएफ के विपरीत इस स्कीम में अधिकतम निवेश के लिए कोई सीमा नहीं है, जबकि इसमें 100 रुपये का न्यूनतम अकाउंट बैलेंस होना चाहिए। इस खाते में जमा राशि आयकर की धारा 80C के अंतर्गत कर छूट के दायरे में आती है। इसके अंतर्गत आप एक वित्त वर्ष के दौरान 1.5 लाख रुपये की कर छूट प्राप्त कर सकते हैं।