संस्कृत भारत की और से विश्व के लिए अनुपम उपहार : शीला दीक्षित

Reported by :- प्रिया शर्मा 


दक्षिणी दिल्ली: महामना पंडित मदनमोहन मालवीय द्वारा स्थापित संस्कृत साहित्य सम्मेलन के वार्षिक सम्मान समारोह में देश के संस्कृत विद्वानों को लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ के सभागार में सम्मानित किया गया। इस दौरान संस्कृत साहित्य सम्मेलन की अध्यक्ष शीला दीक्षित ने कहा कि संस्कृत भाषा भारत की ओर से समूचे विश्व और मानवता के लिए एक अनुपम उपहार है।



आयोजन में भोपाल के डॉ. राधा वल्लभ त्रिपाठी को डॉ. गिरधारी लाल गोस्वामी संस्कृत गौरव सम्मान के तहत एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया। पंजाब के प्रोफेसर शशि प्रभा कुमार को डॉ. गिरधारी लाल गोस्वामी संस्कृत श्री सम्मान के तहत एक लाख रुपये का पुरस्कार दिया गया। दिल्ली के डॉ. रामनारायण द्विवेदी को डॉ. गिरधारीलाल गोस्वामी संस्कृत भूषण सम्मान के तहत 51 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया।


शीला दीक्षित ने कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं की जननी है। यह भाषा कंप्यूटर के लिए भी बेहद उपयुक्त है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नागेश्वर राय समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।


लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ के कुलपति प्रोफेसर रमेश कुमार पांडे, रमाकांत गोस्वामी, पूर्व मंत्री डॉ. योगानंद शास्त्री और वेद प्रकाश शर्मा ने इस भाषा के महत्व पर विचार रखे।