सीट एक दावेदार अनेक: आखिर क्यों कांग्रेसियों के लिए 'हॉट सीट' बन गई है चंडीगढ़

नई दिल्ली: 


पंजाब कांग्रेस के नेताओं के लिए चंडीगढ़ लोकसभा सीट (Chandigarh Lok Sabha constituency) इस समय हॉट सीट बन गई है, जिस पर चुनाव लड़ने के लिए अपनी-अपनी दावेदारी ठोकने का सिलसिला बढ़ता ही चला जा रहा है. सबसे पहले ही पंजाब कांग्रेस की वरिष्ठ नेता और पंजाब कैबिनेट के मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू ने चंडीगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए अपना दावा ठोक दिया है, जिससे पंजाब और चंडीगढ़ की राजनीति में हलचल मच गई है. 



नवजोत कौर ने शुक्रवार शाम को चंडीगढ़ के कांग्रेस भवन पहुंचकर चंडीगढ़ से लोकसभा चुनाव लड़ने को कांग्रेस टिकट के लिए चंडीगढ़ कांग्रेस के अध्‍यक्ष प्रदीप छाबड़ा को लिखित में आवेदन दिया. ध्यान देने वाली बात यह है कि नवजोत कौर और नवजोत सिद्धू का इलाका अमृतसर का है, जहां से नवजोत सिद्धू 2004 से लेकर 2014 तक लोकसभा सांसद रहे. यही नहीं उनकी पत्नी नवजोत कौर लंबे समय तक अमृतसर पूर्व विधानसभा सीट से विधायक भी रही. मगर फिलहाल अमृतसर लोकसभा सीट कांग्रेस के गुरजीत सिंह औजला के पास है. 


नवजोत कौर का कहना है कि 'मैंने महिला कोटे से चंडीगढ़ के लिए आवेदन दिया है. पंजाब की ग्रुप पॉलिटिक्स की वजह से मैं चंडीगढ़ आई हूं. पंजाब में कैप्टन अमरिंदर, जाखड़ और बाजवा ग्रुप हैं. हालांकि मुझे उनसे कोई प्रॉब्लम नहीं है. सिद्धू जी पंजाब में काम कर ही रहे हैं, इसलिए मैंने चंडीगढ़ से दावा ठोक दिया है.



चंडीगढ़ के लिए दावा ठोकने वाले नेताओं में अगला नाम पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी का है. मनीष तिवारी 2009 में लुधियाना लोकसभा सीट से संसद पहुंचे थे. लेकिन 2014 में उन्होंने लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा जिसके बाद कांग्रेस के रवनीत सिंह बिट्टू में चुनाव लड़ा और फिलहाल वह लुधियाना के सांसद हैं. रविवार सुबह मनीष तिवारी चंडीगढ़ कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा से मिले और चंडीगढ़ लोकसभा सीट के लिए अपना दावा ठोक दिया.


लेकिन सबसे अहम बात यह है कि चंडीगढ़ लोकसभा सीट से बीते काफी समय से पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन कुमार बंसल चुनाव लड़कर जीते आ रहे हैं. हालांकि 2014 में वह यहां से चुनाव हार गए थे लेकिन इस बार फिर उन्होंने अपनी दावेदारी पेश की है. पवन कुमार बंसल का कहना है कि 'चुनाव लड़ने के लिए कोई भी अप्लाई कर सकता है पर अंतिम फ़ैसला तो हाई कमान का ही होगा. मैंने चालीस साल काम किया है. विरोध परदर्शन में पानी की बौछारें खाई है. पार्टी देखेगी कि लोगों से निजी सम्पर्क किसका अच्छा है' .


चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की साझा राजधानी है. केंद्र शासित प्रदेश है. चंडीगढ़ लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए बड़े बड़े कांग्रेसी नेता मैदान में उतर चुके हैं लेकिन ध्यान देने वाली बात यह है कि ये सीट फिलहाल बीजेपी की किरण खेर के पास है. लेकिन कांग्रेस नेताओं को लगता है कि इस बार पंजाब में माहौल उनके पक्ष में है लिहाजा चंडीगढ़ भी उनके लिए अनुकूल ही रहेगा इसलिए चंडीगढ़ लोकसभा सीट कांग्रेस नेताओं के लिए हॉट सीट बन गई है.