शिक्षा के क्षेत्र में रोजगार के अपार अवसर :- सुशील शर्मा

Written by  :- सुशील शर्मा 



भारत में शिक्षा को प्राचीन काल से ही बहुत ही सम्मानजनक स्थान प्राप्त है वर्तमान में भारत की कुल आबादी लगभग 1 अरब 36 करोड़ है। तथा कुल आबादी का 50% यानी 68 करोड़ आबादी 25 वर्ष से कम आयु या शैक्षिक अवस्था में है एक अनुमान के अनुसार भारत में विभिन्न स्तरों पर इस आबादी को शिक्षा ग्रहण करने हेतु 3.5 करोड़ शिक्षकों की आवश्यकता है तथा विभिन्न स्तरों पर अभी भी 50 लाख के लगभग प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी है भारत में प्रतिवर्ष 1.5 करोड़ आबादी जुड़ जाती है अर्थात प्रतिवर्ष 7.5 लाख शिक्षकों की अतिरिक्त आवश्यकता बढ़ जाती है । शिक्षा के विभिन्न स्तर शिशु देखभाल केंद्र, प्ले स्कूल, नर्सरी स्कूल, प्राथमिक स्कूल, मिडिल वह माध्यमिक स्तर के स्कूल तथा विश्वविद्यालय स्तर पर सभी प्रकार के शिक्षकों की अपार संभावनाएं हैं तथा यह हमेशा बनी रहेगी। शिक्षा के प्रत्येक स्तर पर प्रशिक्षित शिक्षकों की कमी है इस क्षेत्र में रोजगार की संभावनाएं हमेशा बनी रहेंगी इसके अलावा प्रशिक्षित शिक्षकों की मांग न केवल अपने देश में है बल्कि विदेशों में भी भारतीय शिक्षकों की बहुत मांग है ।


प्ले स्तर व नर्सरी स्तर पर शिक्षक बनने हेतु कक्षा 12 के पश्चात नर्सरी शिक्षक का कोर्स प्राप्त कर शिक्षक बन सकते हैं।

प्राइमरी शिक्षक के लिए 12वीं के पश्चात 2 वर्षीय राज्यस्तरीय शैक्षिक डिप्लोमा करके शिक्षक बन सकते हैं ।

मिडिल व माध्यमिक स्तर पर स्नातक डिग्री के पश्चात 2 वर्षीय B.Ed कोर्स करके शिक्षक बन सकते हैं ।

उच्च माध्यमिक स्तर पर लेक्चरर/ PGT बनने के लिए परास्नातक डिग्री के साथ B.Ed की डिग्री होना आवश्यक है।  

विश्वविद्यालय स्तर पर लेक्चरर बनने के लिए परास्नातक डिग्री के पश्चात यूजीसी नेट की परीक्षा पास कर के लेक्चरर बन सकते हैं इसके अलावा एम फिल व पीएचडी डिग्री हासिल करके प्रोफेसर बन सकते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षक के अलावा शिक्षा से जुड़े अन्य व्यवसाय में भी रोजगार की अपार संभावनाएं है। जैसे लाइब्रेरियन, लैब असिस्टेंट, योग प्रशिक्षक, स्पेशल एजुकेटर, काउंसलर आदि के प्रशिक्षण प्राप्त कर स्कूल स्तर पर व विश्वविद्यालय स्तर पर रोजगार प्राप्त किए जा सकते हैं।