विकास के नए आयाम....

Writtern by- रेनुका राजपूत


इतिहास कई सामाजिक और आर्थिक क्रांतिओ  का गवाह  रहा है खेती से लेकर उद्योग और तकनीक तक इन क्रांतियो  ने मानवीयता का चेहरा बदला अब डिजिटल क्रांति प्रगति की रफ्तार को फिर से परिभाषित कर रही है साथ ही यह समाज संस्कृति और जीवन शैली को बदलने के लिए अगनित  मार्ग खोल  रही है



शुरुआती डिजिटल पहल का मुख्य मकसद रिकॉर्ड को सुरक्षित रखना आंतरिक कार्यालय प्रबंधन तैयार करना डेटा  की प्रोसेसिंग आदि था पिछले कुछ साल में डिजिटल क्रांति के अवसरों  की नई संभावना खोली है जो विकास के अवसरों  को फिर से आकार दे रहे हैं इंटरनेट से लेकर आर्टिफिश इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स तक नहीं और उभरती तकनीकों में सामाजिक और आर्थिक नवीनीकरण के लिए अभूतपूर्व अवसर प्रदान किए गए हैं सूचना क्रांति के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को बड़ा उछाल मिला है और यह भारतीय युवाओं के लिए रोजगार और आमदनी पैदा करने के तौर पर वरदान की तरह डिजिटल क्रांति अब आम आदमी के लिए प्रासंगिक कई क्षेत्रों को छू  चुकी  है सबसे बेहतरीन उदाहरण है मोबाइल क्रांति तकरीबन सभी भारतीय उद्योगपति हो या रिक्शा चालक छात्र छात्र या घरेलू महिला सब के पास मोबाइल फोन है कई सेवा अब डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए उपलब्ध है



जिसके लिए पहले खुद जाना पड़ता था या कतार में खड़ा होना पड़ता था पासपोर्ट और वीजा सेवा रेलवे बुकिंग तमाम सेवाओं का डिजिटलीकरण हो चुका है डिजिटल बदलाव की सतत लहर जीवन और कारोबार के हर पहलू में प्रवेश कर चुकी है लेकिन किसी अन्य तकनीकी की तरह इसमें कई तरह की चुनौतियां है डिजिटलीकरण की यात्रा समावेशी विकास की रही है जो भारत को वैश्विक अर्थव्यवस्था में बदल रही है यह ऐसी क्रांति है जिसमें तकरीबन सभी क्षेत्रों में आम आदमी के जीवन को छुआ है और इसमें मानवीय  अनुभव को पूरी तरह से बदलने की संभावना है और यह जीवन को आसान और समृद्ध बना रही है डिजिटल तकनीक का फायदा इस से जुड़ी लागत से ज्यादा हो, यह सुनिश्चित करने के लिए संगठनों और नागरिकों के  जिम्मेदार व्यवहार और डिजिटल बुद्धिमता की भी जरूरत है