चाइना में जादू के लगातार 64 हैरतअंगेज प्रदर्शन कर कायम किया एक नया कीर्तिमान

Reported by : kamal pawar


चाइना : भारत की अनुपम सांस्कृतिक धरोहर जादू कला को विश्व रंगमंच पर पूरी उत्कृष्टता और श्रेष्ठता से प्रस्तुत कर देश को गौरवान्वित करने वाले डायमंड स्टार की उपाधि से विभूषित जादूगर राजकुमार  देश की राजधानी दिल्ली के दिलशाद गार्डन के रहने वाले हैं, जिन्होंने चाइना में द ग्रेट इंडियन रूप (रस्सी) एक्ट और ग्रेट इंडियन बास्केट एक्ट पर जादू के लगातार 64 हैरतअंगेज प्रदर्शन कर एक नया कीर्तिमान कायम कर दिया है। इतना ही नहीं इससे पूर्व भी उन्हे अमेरिकी संस्थान द्वारा जादू जगत के ऑस्कर कहे जाने वाले विश्व के सर्वोच्च सम्मान "मेर्लिन अवार्ड" से नवाज़ा गया जो भारतीय जादुगरी और देश के लिए गर्व की बात है।



बहुमुखी प्रतिभा के धनी जादूगर राजकुमार की कला यात्रा वेहद गौरवशाली रहा है। कला को सेवा का माध्यम मानने वाले जादूगर राजकुमार कहते हैं कि उनका का उद्देश्य है इस कला का विकास हो।  वे इस कला के रहस्यों को लेकर मरना नहीं चाहते बल्कि योग्‍य प्रतिभाओं   को इसका ज्ञान देना चाहते हैं। इसलिए उन्होंने 1995 में दिल्ली स्कूल ऑफ मैजिक की स्थापना की और इस कला को बांटना शुरू किया। उनका मानना है कि किसी भी कला को जितना ज्यादा योग्‍य लोगो को बांटा जाता है, उसका उतना ज्यादा ही उत्थान होता है।



अक्सर देखा गया है जो पुराने जादूगर थे वह तो इस कला को अपने बच्चों को सिखा कर या फिर साथ लेकर मर गए। लेकिन राजकुमार जादूगर हमेशा सुपात्र देखकर कोई भी उनके स्कूल में आता है उसको गुरु शिष्य की परंपरा और आज के प्रोफेशनल परंपरा के तहत इस कला को सिखाते हैं। सबसे बड़ी खास बात यह है कि जिनके पास इस कला को सीखने के लिए पैसे नहीं होते वे उनको गुरु शिष्य की परंपरा के तहत इस कला को निशुल्क सीखा कर उन्हें कामयाबी के पथ पर आगे बढ़ाते  रहे हैं। जादूगर बिरदारी की समस्याओं को देखते हुए उन्होंने देश का एक ऐसा मैजिक स्टॉल भी बनाया है जिसका नाम है " राज मैजिक प्लेनेट" जो क्रॉस रिवर मॉल की दूसरी मंजिल पर स्थित है। इस स्टॉल से वे हिंदुस्तान के जादूगरों को जादुई साजो सामान सप्लाई करते हैं और जादूगरों को उपकरण देकर उनकी सहायता करते हैं।