डॉ भीमराव अंबेडकर कॉलेज :चेतना 2019 का आगाज
REPORT BY : निकिता कश्यप 

 


 

दिल्ली 

दिल्ली विश्वविद्यालय के डॉ० भीमराव अंबेडकर कॉलेज का दो दिवसीय वार्षिकोत्सव चेतना 2019 का आगाज हो गया. अबकी बार वार्षिकोत्सव की थीम अतुल्य भारत है. इस उत्सव में छात्रों के बीच डेढ़ दर्जन से भी ज्यादा सांस्कृतिक एवं रचनात्मक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है. दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेजों के अलावा, जामिया मिलिया इस्लामिया, जेएनयू, आईआईएमसी, अंबेडकर विश्वविद्यालय एवं इंद्रप्रथ यूनिवर्सिटी के सैकड़ों छात्र इसमें शिरकत कर रहे हैं. पहले दिन छात्रों को दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' सरदार वल्लभ भाई पटेल की परिकल्पना करने वाले विख्यात मूर्तिकार राम वी. सुतार को सुनने का मौका मिला. सुतीर जी ने उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि के तौर पर छात्रों को संबोधित किया.


 

 इस मौके पर दिल्ली एवं देश के अलग-अलग क्षेत्रों से आए प्रतिभागी छात्रों, अतिथियों एवं कलाकारों का औपचारिक स्वागत करते हुए कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ जी.के.अरोड़ा ने कहा कि हमारा देश सांस्कृतिक विविधताओं से भरा है. अनेकता में एकता इस देश की मूल आत्मा है. हमारा कॉलेज हर साल अपने वार्षिकोत्सव चेतना के माध्यम से इस विरासत को विस्तार देने की कोशिश करता आया है. छात्रों के लिए मिलने-जुलने, मनोरंजन करने से कहीं ज्यादा एक जिम्मेदारी है कि वह विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए इस देश की विविध भाषा परंपरा रीति-रिवाज और जन समुदाय का प्रतिनिधित्व करे. कॉलेज इस जिम्मेदारी के साथ इस वार्षिक उत्सव का आयोजन करता आया है.

 


 

चेतना-2019 एवं कॉलेज की सांस्कृतिक समिति की संयोजक डॉ संगीता धर ने साल भर की सांस्कृतिक गतिविधियों एवं छात्रों की उपलब्धियों का ब्यौरा पेश करते हुए दो तक होने वाली प्रतियोगिताओं एवं रंगारंग कार्यक्रम की दानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि दिन में मोटे तौर पर दो तरह के कार्यक्रम है एक परफॉर्मिंग आर्ट और दूसरा रचनात्मक प्रतिभा से जुड़े कार्यक्रम एवं प्रतियोगिताएं. उन्होंने इस वार्षिकोत्सव के साथ-साथ कॉलेज की सांस्कृतिक यात्रा के तौर पर परिभाषित किया. 


 

उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि 94 वर्षीय मूर्तिकार राम वी. सुतार ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि एक छात्र, कलाकार की सफलता का मूल मंत्र है उसे जीवन भर अभ्यास करते रहना चाहिए और यही उसे एक बेहतर कलाकार, शिल्पकार और इंसान बनाता है. अभ्यास वह ताकत है जिससे कि असंभव को संभव बनाया जा सकता है, पत्थरों के बीच फूल खिलाए जा सकते हैं.


 

 वार्षिकोत्सव के पहले दिन नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता ने छात्रों, शिक्षकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. इस प्रतियोगिता में लेडी श्रीराम कॉलेज, लेडी इर्विन कॉलेज, गुरु तेग बहादुर खालसा कॉलेज, देशबंधु कॉलेज सहित डीयू के अन्य बारह कॉलेजों एवं दूसरे संस्थानों ने हिस्सा लिया. इसी तरह समूह गायन, एकल गायन, शास्त्रीय वाद्य यंत्र जैसी प्रतियोगिताओं में प्रतिभागियों ने बेहतरीन प्रदर्शन किया. प्रतिभागियों को परिणाम के लिए कल तक इंतजार करना होगा इसके साथ ही दूसरे दिन फैशन शो, डांस, कोरियोग्राफी, फोटोग्राफी, 'मिस्टर एंड मिस चेतना-2019'आकर्षक प्रतियोगिताओं के प्रति छात्रों की उत्सुकता बनी हुई है।