इंस्पेक्टर व पत्रकारों के खिलाफ मजबूत सुबूत की तलाश..

REPORTED BY : - योगेश सोलंकी 


नोएडा : रिश्वत कांड में एसएचओ मनोज पंत व तीन पत्रकार रमन ठाकुर, उदित गोयल व सुशील पंडित की हुई गिरफ्तारी व भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज एफआइआर की जांच में सबूतों को मजबूत करने के लिए फोरेंसिक जांच (एफएसएल) का पुलिस सहारा लेगी। बरामद नगदी व सील अन्य सामग्री को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा।



क्षेत्रधिकारी राजीव कुमार सिंह ने कहा कि बुधवार को मेरठ स्थित भ्रष्टाचार निवारण स्पेशल कोर्ट से आरोपित इंस्पेक्टर सहित अन्य सभी आरोपितों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में फिलहाल जेल भेजा गया है। इस मामले में बरामदगी हो चुकी है और लगभग साक्ष्य भी एकत्रित है। लिहाजा, आरोपितों की पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) नहीं मांगी गई। उन्होंने कहा कि बरामद नकदी सहित अन्य सामग्री को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। अन्य ¨बदुओं पर भी जांच कर साक्ष्य एकत्रित किये जाएंगे। उसके आधार पर आगे कार्रवाई होगी। उधर, एसएसपी वैभव कृष्ण ने कहा कि इस रिश्वत कांड मामले की जांच के अलावा भी गिरफ्तार आरोपित इंस्पेक्टर के खिलाफ आने वाली अन्य शिकायतों को भी इसी जांच में शामिल किया जाएगा। अवैध कार्य व भ्रष्टाचार में संलिप्त पुलिसकर्मियों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई होगी। बेहतर पुलिसिंग करने वाले लोगों को डरने की जरूरत नहीं है।


जिले में अब नए कोतवाल की नियुक्ति से पहले पिछले पांच वर्ष का ट्रैक रिकार्ड खंगाला जाएगा।


रंगेहाथ पकड़े जाने पर गीली हो गई थी पैंट :


यह अक्सर सुनने में आता है कि पुलिस को देखकर अच्छे-अच्छे बदमाशों की पैंट गीली हो जाती है। यह कहावत ऑपरेशन ट्रैप में पकड़े गए आरोपितों के लिए भी सही साबित हुई। एक पत्रकार को जब पुलिस ने रंगेहाथ पकड़ा तो उसकी पैंट गीली हो गई। इसका पता पुलिस को तब चला जब दो पुलिसकर्मी फिसल कर फर्श पर गिर पड़े।