किसानों की छोटी जरूरतें भी होंगी पूरी : सुषमा
REPORTED by ; संदीप कुमार 
पश्चिमी दिल्ली : केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत दी जाने वाली राशि महज राशि नहीं बल्कि अन्नदाताओं को दिया गया सम्मान है। एक ऐसा सम्मान जिसका प्रतीकात्मक महत्व है। इसके तहत मिलने वाली राशि किसानों की छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने में मददगार सिद्ध होगी।

विदेश मंत्री पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की शुरुआत के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रही थीं। इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री (संसदीय मामले) विजय गोयल, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र सहित अनेक व्यक्ति उपस्थित थे।


खाद्यान्न आयातक से निर्यातक देश के तौर पर भारत के शानदार सफर की चर्चा करते हुए सुषमा स्वराज ने कहा कि इस सफर को शानदार बनाने का श्रेय देश के कृषि वैज्ञानिकों व किसानों दोनों को जाता है। वैज्ञानिकों ने लगन के बूते जो तकनीकें विकसित की उसे किसानों ने पूरे उत्साह के साथ अपनाया है। आज हमारा देश खाद्यान्न के मामले में न सिर्फ आत्मनिर्भर है बल्कि हम ऐसी स्थिति में हैं कि कई देशों को मदद भी पहुंचाते हैं।



विदेश मंत्री ने कहा कि इस उपलब्धि के बावजूद यह एक कड़वी सच्चाई है कि किसान आज भी खेती में भगवान भरोसे है। बुवाई, कटाई से लेकर तुलाई तक वह हाथ जोड़े खड़ा रहता है।


किसान सम्मान निधि के तहत जो राशि किसानों को दी जाएगी वह उनकी छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने में काफी सहायक सिद्ध होगी। चाहे बारिश के समय छतरी खरीदना हो, रात को कहीं जाने के लिए टार्च की जरूरत, किसानों को इन छोटी जरूरतों के लिए किसी की ओर मुंह देखना नहीं होगा। सरकार प्रत्येक चार महीने पर उनके खाते में दो हजार की सम्मान राशि उपलब्ध कराएगी।