मौनी स्नान को उमड़ा जनसैलाब..

reported by ;- योगेश सोलंकी


कुंभनगर


कुंभ के दूसरे शाही स्नान महापर्व मौनी अमावस्या पर संगम पर जन सैलाब उमड़ पड़ा। पतित पावनी गंगा, श्यामल यमुना और अदृश्य सरस्वती के पावन तट पर रविवार को ही देश-दुनिया के हर कोने से आस्था का जन सैलाब हिलोरे मारने लगा। शहर से लेकर कुंभ मेला तक की सड़कें श्रद्धा पथ में तब्दील हो गईं। दुनियाभर से संतों, श्रद्धालुओं, पर्यटकों का सागर उमड़ा तो लगभग 5.5 किमी की परिधि में फैले संगम के सकरुलेटिंग एरिया में कहीं तिल रखने भर की जगह नहीं बची। जय गंगा मैया और जय श्री राम के गगनभेदी जयघोष के बीच कोई हाथों में ध्वज लिए संगम की ओर दौड़ता रहा तो कोई दंड-कमंडल लिए हुए लपकते पांवों से बढ़ता जा रहा था। कुंभ मेला प्रशासन ने दावा किया कि रविवार देर शाम तक कुंभ मेला क्षेत्र में लगभग डेढ़ करोड़ श्रद्धालु पहुंच गए। मौनी अमावस्या पर सोमवार को चार करोड़ लोगों के स्नान का अनुमान है।



मौनी अमावस्या का स्नान सोमवार को है लेकिन, शनिवार से ही कुंभ मेला क्षेत्र में आस्था का रेला आने लगा था। रविवार को तो कुंभ मेला क्षेत्र जनसागर में तब्दील हो गया। मेले के प्रवेश मार्गों अलोपीबाग चौराहा, हर्षवर्धन चौराहा, मिंटो पार्क गेट, नैनी क्षेत्र में लेप्रोशी चौराहा, देवरख, झूंसी व फाफामऊ में भारी भीड़ पहुंच गई थी। मेले के आसपास के 67 पाíकंग स्थल रविवार शाम तक फुल हो गए थे। भीड़ प्रबंधन के चलते तीन से पांच किमी पहले ही वाहनों को रोक दिए जाने से सड़कें हर तरफ पैदल पथ में तब्दील हो गईं। सिर पर गठरी, कंधे पर झोला, हाथों में बच्चों और महिलाओं का हाथ थामे लोग संगम तट की ओर लंबे डग भरते रहे। फाफामऊ से अरैल के बीच संगम के लंबे दोनों तटों पर बने 40 स्नान घाटों पर रविवार को भी दिनभर पुण्य की डुबकी लगी। लोग चढ़ते, गिरते, संभलते त्रिवेणी की पावन धारा में पुण्य की झमाझम डुबकी लगा रहे थे। अपनों से बिछड़ने, कपड़े, सामान खोने का सिलसिला भी चल रहा था। पुलिस, पैरामिलिट्री के अलावा होमगार्डस, एनडीआरएफ, सिविल डिफेंस और यूपी एसटीएफ के जवान लाउडस्पीकर के साथ असंख्य श्रद्धालुओं को सहेजने और उनकी मदद करने में जुटे थे।



किसी निधि के मानिंद नजर आई आस्था: देश-दुनिया के श्रद्धालुओं, संत-महात्माओं और पर्यटकों के लिए आस्था किसी निधि के मानिंद नजर आई। संगम तट तक जाने में लोगों को भले पसीना छूट रहा था मगर उनकी श्रद्धा में कोई कमी नहीं दिखी। संगम, नैनी, झूंसी, बदरा सोनौटी, शिवकुटी, नागवासुकि समेत अन्य स्नान घाटों पर जहां तक नजर जाए सिर्फ श्रद्धालुओं के सिर ही सिर नजर आ रहे थे। रविवार सुबह 10 बजे तक जहां 40 लाख भक्तों ने संगम में डुबकी लगाई थी, वहीं दोपहर एक बजे एडीएम कुंभ दिलीप कुमार त्रिगुनायत ने 75 लाख श्रद्धालुओं के संगम में डुबकी लगाने का दावा किया।