सड़क हादसों में 30% लोगों की जान बचाने का लक्ष्य:परिवहन मंत्री

REPORTED BY :- निकिता कश्यप 


नई दिल्ली : दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने सोमवार को वर्ष 2019 में सड़क सुरक्षा के लिए वार्षिक योजना जारी की। 30वें सड़क सुरक्षा सप्ताह के अवसर पर दिल्ली सचिवालय में योजना जारी करते हुए गहलोत ने कहा कि सड़क सुरक्षा के लिए ट्रैफिक चलानों की आधी रकम से एक फंड बनाया जाएगा। जो करीब सालाना 90 करोड़ रुपये का होगा। इस रकम से एक निजी और सरकारी एजेंसियों द्वारा राजधानी की 20 मुख्य सड़कों के हुए ऑडिट में सुझाए गए उपाय किए जाएंगे। इन सुझावों के तहत जहां सड़कों का डिजाइन बदला जाएगा, वहीं डीटीसी के एक हजार ड्राइवरों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया जाएगा। एंबुलेंसों की व्यवस्था की जाएगी और बच्चों व उनके अभिभावकों को जागरूक करने के लिए पाठ्यक्रम में भी शामिल किया जाएगा। इसके लिए परिवहन, पुलिस, लोक निर्माण विभाग, स्वास्थ्य विभाग और शिक्षा विभाग के एक-एक आला अधिकारी को इसका नोडल अधिकारी बनाया गया है



2018 में हुईं 6515 दुर्घटनाएं: राजधानी दिल्ली की सड़कों पर वर्ष 2018 में 6515 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इसमें 1690 लोगों की जान गई और 6086 लोग घायल हो गए। मरने वालों में सबसे ज्यादा पैदल चलने वाले और साइकल सवार थे। दिल्ली सरकार ने इसे वर्ष 2025 तक 80 फीसद तक हादसे कम करने का मन बनाया है।



पांच हजार तक लगेगा जुर्माना: योजना के तहत सरकार यातयात नियमों का पालन न करने वालों पर जुर्माने को एक हजार से बढ़ाकर तीन हजार और दोबारा गलती करने पर तीन हजार से बढ़ाकर पांच हजार करने पर भी विचार कर रही है। इस योजना के तहत एक साल के अंदर सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौत को 30 फीसद तक कम करना है। देश भर के सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों के अनुसार बाहरी रिंग रोड पर बुराड़ी चौक से लेकर भलस्वा चौक के बीच के तीन किमी के दायरे को देश का सबसे खतरनाक सड़क माना गया है। यहां पिछले दो साल में 67 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। इनमें ज्यादातर लोग पैदल, दोपहिया सवार थे, जो शाम के छह बजे से रात बारह बजे के बीच सड़क पार करने की किसी सुरक्षित स्थान के अभाव में सड़क पार करते हुए दुर्घटनाग्रस्त हुए..