सरकार ने मानी मांगें, अन्ना ने तोड़ा अनशन...

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और दो केंद्रीय मंत्रियों के साथ मैराथन बातचीत के बाद समाजसेवी अन्ना हजारे ने अपना अनशन समाप्त कर दिया है। बता दें कि केंद्र में लोकपाल, राज्यों में लोकायुक्त और किसानों से जुड़े कुछ मुद्दों को लेकर हजारे 30 जनवरी से अनशन कर रहे थे।


हजारे से मिलने मुख्यमंत्री फड़नवीस दो केंद्रीय मंत्रियों के साथ मंगलवार दोपहर बाद रालेगण सिद्धि पहुंचे। यहां पर मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के साथ हजारे की लगभग पांच घंटे वार्ता हुई। इस दौरान सरकार की तरफ से मिले आश्वासन के बाद हजारे ने अनशन समाप्त करने की घोषणा की। हजारे ने अपना अनशन समाप्त करते हुए कहा कि राज्य और केंद्र में स्वायत्तशासी कृषि लागत मूल्य आयोग (सीएसीपी) की स्थापना, महाराष्ट्र विधानसभा के अगले सत्र में लोकायुक्त बिल को लाने और लोकपाल की नियुक्ति के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा का पालन करने जैसी मांगों को लेकर मैंने अपना अनशन शुरू किया था। इन सभी मुद्दों पर सरकार की तरफ से दिए गए आश्वासनों से मैं खुश व संतुष्ट हूं। इसलिए मैं अपना अनशन खत्म करने की घोषणा कर रहा हूं।



सीएसीपी के लिए गठित समिति में सोमपाल शास्त्री होंगे सदस्य: फड़नवीस ने कहा कि सीएसीपी की स्थापना के लिए समिति का गठन केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह करेंगे जबकि हजारे के विशिष्ट सहयोगी सोमपाल शास्त्री इसके सदस्य होंगे। उन्होंने बताया कि सीएसीपी के मुद्दे पर समिति अपनी रिपोर्ट इस साल अक्टूबर तक दे देगी।


लोकपाल की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द: फड़नवीस ने बताया कि केंद्र में लोकपाल की नियुक्ति को लेकर सर्च कमेटी की बैठक 13 फरवरी को प्रस्तावित है। उन्होंने इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित समय सीमा का पालन करने का आश्वासन दिया।


सात दिनों से अनशन पर थे हजारे: हजारे अपनी मांगों को लेकर पिछले सात दिनों से अनशन पर थे। इस दौरान उनका वजन चार किलो 30 ग्राम कम हो गया था। शिवसेना सहित कई संगठनों द्वारा राज्य सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग के चलते मंगलवार दोपहर मुख्यमंत्री फड़नवीस दो केंद्रीय मंत्रियों राधामोहन सिंह और सुभाष भामरे के साथ हजारे के गांव रालेगण सिद्धि पहुंचे और उनसे बातचीत की। इस दौरान महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन भी उनके साथ थे।