शहीद चित्रेश बिष्ट के पिता ने बेटे की शहादत में आवासीय सैनिक स्कूल खोलने की बनाई योजना ...

REPORT BY : निकिता कश्यप 



दिल्ली :पुलवामा के शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट के पिता देश के लिए टियर करेगे अवसर , जिसके लिए उन्होंने सैनिक स्कूल खोलने की योजना बनाई इस स्कूल में सेना में अफसर बनने का ख्वाब संजोने वाले गरीब एवं जरूरतमंद बच्चों को मुफ्त कोचिंग दी जाएगी। इस संबंध में शहीद के पिता रिटायर्ड कोतवाल बिष्ट ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को भी पूरी योजना से अवगत करा दिया है। जल्द इसकी कार्ययोजना बनाई जाएगी। राजौरी में बारूदी सुरंग को नाकाम करने का प्रयास करते हुए 16 फरवरी को शहीद हुए मेजर चित्रेश के पिता सेवानिवृत्त कोतवाल एसएस बिष्ट (सुरेंद्र सिंह बिष्ट) बेटे की शहादत से गम के साथ गर्व भी है। आइईडी डिफ्यूज कर मेजर चित्रेश ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया है। ऐसे में उनकी शहादत को कभी नहीं भुलाया जा सकता। बेटे की शहादत के बाद पिता भले ही अंदर से टूटे हों, लेकिन उनके मन में समाज सेवा का जज्बा कम नहीं हुआ है। यही कारण है कि शहीद मेजर के पिता एसएस बिष्ट कहते हैं कि अब वह बेटे की याद में आवासीय सैनिक स्कूल खोलेंगे। इसके लिए उन्होंने हल्द्वानी, रानीखेत या फिर दून में जहां जमीन उपलब्ध होगी वहां स्कूल खोलने की इच्छा जाहिर की है। इसके लिए बिष्ट ने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से भी चर्चा कर सहयोग की अपेक्षा की है। मेजर चित्रेश के पिता बिष्ट का कहना है कि बेटे की शहादत के बाद सरकार जो आर्थिक मदद परिवार को देगी, उसको वह स्कूल पर खर्च करेंगे। इसके अलावा अपनी पेंशन और जमा पूंजी भी इस काम में लगाने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने कहा कि इस आवासीय स्कूल में वह गरीब, निर्धन एवं जरूरतमंद ऐसे युवा जो देश की रक्षा को अफसर बनने का सपना देखते हों, लेकिन उनके पास संसाधनों की कमी हो उन्हें प्रशिक्षण देंगे। 


नम आंखों से बिष्ट कहते हैं कि यह गरीब बच्चे जब सेना में अफसर बनेंगे तो इन बच्चों में मुझे अपना चित्रेश नजर आएगा। मेरा एक चित्रेश देश के लिए कुर्बान हुआ है, लेकिन मैं सैकड़ों चित्रेश बनाने की कोशिश करूंगा। शहीद मेजर चित्रेश के बड़े भाई नीरज बिष्ट लंदन में प्रतिष्ठित कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। भाई की शहादत से नीरज भी गमजदा हैं। उनका कहना है कि सेना में चित्रेश को उनके साथी बुल कह कर बुलाते थे। उन्होंने कहा कि चित्रेश हॉकी में जब अपने पास बॉल लेता था, तो किसी की हिम्मत नहीं थी कि उससे बॉल छीन सके। यही नहीं भाई ने हर काम को हंसते हुए मुकाम तक पहुंचाया। जनरल बनना था सपना शहीद मेजर चित्रेश बिष्ट अपने पिता एसएस बिष्ट से अक्सर कहते थे कि पापा इंजीनियर्स कोर से पहला जनरल अगर कोई बनेगा तो वह आपका बेटा होगा। यह मुकाम चित्रेश ने कम उम्र में काफी हद तक हासिल भी कर लिया था। चित्रेश का जुनून था कि हर काम को बेहतर और पूरी ईमानदारी से किया जाए।



एयरफोर्स के अफसरों को शहीद चित्रेश के पिता का सलाम - शहीद मेजर चित्रेश के पिता सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर एसएस बिष्ट ने कहा कि एयरफोर्स के अफसरों ने पाकिस्तान के खिलाफ जो कार्रवाई की है, उससे वह संतुष्ट हैं। एयरफोर्स के अफसरों की तारीफ करते हुए उन्हें उनके इस काम को सलाम किया। साथ ही कहा कि पाकिस्तान ऐसा सांप है, जिसे छेड़ने से नहीं बल्कि फन कुचलने से भारत को राहत मिलेगी। इसके अलावा आतंकियों का नेस्तानाबूद करने से ही शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। एयरफोर्स के जांबाजों ने सोमवार रात को बड़ी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान बार्डर पर आतंकियों के ठिकानों को नेस्तानाबूद किया है। राजौरी में बार्डर पर बारुदी सुरंग को डिफ्यूज करते वक्त शहीद हुए मेजर चित्रेश के परिजन एयरफोर्स की इस कार्रवाई की खूब सराहना कर रहे हैं। शहीद चित्रेश के पिता इंस्पेक्टर बिष्ट कहते हैं एयरफोर्स ने जो कार्रवाई की है, उससे काफी हद तक शहीदों की शहादत का बदला पाक को मिल गया है। लेकिन सेना और एयरफोर्स को यह कार्रवाई आगे भी जारी रखनी चाहिए। जब तक पाक के आतंकियों और हमारे जांबाजों के खिलाफ साजिश रचने वाली पाक आर्मी की कमर नहीं तोड़ी गई, तब तक हमें सुकून नहीं मिलेगा। जल, थल और वायु सेना के लिए दुश्मनों को सबक सिखाने का यह मौका सबसे सही है।