अयोध्या जाकर भी रामलला से दूर रहेंगी प्रियंका

reported by : दिनेश सोलंकी 


रायबरेली


शिकायत करते कार्यकर्ताओं को मनाने, संगठन की खामियों को दूर करने और चुनाव जीतने का गणित समझने में जुटीं प्रियंका वाड्रा अपने भाई व मां की सीटों को मजबूती देने के लिए हर टोटका आजमा रही हैं। अमेठी-रायबरेली दौरे में ब्लाक स्तरीय पदाधिकारियों की विधानसभा क्षेत्रवार बैठकों में उठाए जा रहे मुद्दों को सूचीबद्ध कराने के साथ समयबद्ध समाधान का वादा करते हुए प्रियंका क्षेत्रवासियों से अपनत्व का नाता याद दिलाना भी नहीं भूल रहीं हैं।



दादी इंदिरा और पिता राजीव गांधी से जुड़े संस्मरणों की याद दिलाकर वह बुजुर्गो से सिर पर हाथ रखवाकर भावनात्मक वातावरण बना रही हैं। गुरुवार सुबह से ही रायबरेली के भुएमऊ स्थित गेस्ट हाउस में प्रियंका से मिलने के लिए लोगों का तांता लगा रहा। धक्का मुक्की जैसे हालात भी बने, लेकिन मिलकर लौटते लोगों के चेहरों पर नजर आती संतुष्टि को कांग्रेसी शुभ संकेत मान रहे हैं। करीब चार घंटे प्रतीक्षा के बाद प्रियंका से मिल पाने में कामयाब हुए कमालपुर के 68 वर्षीय किसान श्रीपाल सिंह का दावा है कि अब कांग्रेस के अच्छे दिन जरूर आ जाएंगे।



सलोन से आईं 57 वर्षीय रामरती मौर्य को प्रियंका में इंदिरा गांधी का अक्स दिखता है। उनका कहना है कि प्रियंका को ही सोनिया गांधी की जगह रायबरेली से चुनाव लड़ना चाहिए। गेस्ट हाउस के बाहर चौकीदार चोर है, गरीब परिवार-पाए 72 हजार, जैसे नारे लगाने वाले युवाओं का जोश भी देखते बनता है। सरेनी के फूलचंद विश्वकर्मा आवारा जानवरों पर रोक न लगने से आहत दिखे। उनका कहना है कि जिस तरह प्रियंका लोगों से मिली हैं, उसने उनके पिता राजीव गांधी की याद ताजा होती है।



अबकी बार पांच लाख के पार :


अमेठी और रायबरेली को लेकर भाजपा द्वारा कराई जा रही घेराबंदी को देखते प्रियंका क्षेत्रीय जनता को पारिवारिक रिश्तों की दुहाई देकर चुनावी गणित पुख्ता करना चाहती हैं। रायबरेली में कांग्रेस की 17 वीं और अमेठी में 14 वीं जीत को सुनिश्चित करने के लिए प्रियंका ने ब्लाक कार्यकर्ताओं को पांच लाख से अधिक वोट जुटाने का लक्ष्य दिया। इतना ही नहीं, प्रियंका ने अपने चुनाव लड़ने की संभावना बरकरार रखते हुए 2022 में कांग्रेस की सरकार बनाने का दावा दोहराया। देर रात तीन बजे तक चली बैठकों में प्रियंका ने जता दिया कि प्रदेश में तीन दशक के सियासी वनवास को खत्म होने तक वह चैन से नहीं बैठेंगी।