जेवर में बनाया जाएगा देश का सबसे बड़ा हवाई अड्डा: प्रधानमंत्री

REPORTED  BY  ;रेनुका राजपूत 


देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट की तस्वीर पूरी तरह साफ कर दी है। हालांकि, जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया में हुई हीलाहवाली और मुआवजा बांटने में देरी के चलते एयरपोर्ट का शिलान्यास शनिवार को नहीं हो सका, लेकिन प्रधानमंत्री ने स्पष्ट कर दिया कि जेवर एयरपोर्ट केंद्र सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल हैं। जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया को जल्द पूरा कर जेवर में देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट बनाया जाएगा। इससे गौतमबुद्धनगर के साथ-साथ समूचे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तस्वीर बदल जाएगी। इन शहरों में रहने वाले लोगों को दिल्ली नहीं जाना पड़ेगा। वे ग्रेटर नोएडा से ही देश-विदेश के लिए जहाज में उड़ान भर सकेंगे। लाखों लोगों को एयरपोर्ट रोजगार के दरवाजे खोलेगा।


2007 से जेवर एयरपोर्ट बनाने की कवायद चल रही है। 2012 में उत्तर प्रदेश की तत्कालीन उत्तर प्रदेश सरकार ने एयरपोर्ट के प्रस्ताव को रद कर दिया था। स्थानीय सांसद डा. महेश शर्मा के केंद्र में उड्डयन राज्यमंत्री बनने के बाद एयरपोर्ट बनने की फिर से उम्मीद जगी। उन्होंने व्यक्तिगत प्रयास कर केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार से एयरपोर्ट की घोषणा कराई। एयरपोर्ट के लिए जमीन अधिग्रहण प्रक्रिया पूरा हो चुकी है। दो गांवों अवार्ड भी घोषित कर दिया गया है। माना जा रहा था कि लोकसभा चुनाव के लिए आचार संहिता लागू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एयरपोर्ट का शिलान्यास करेंगे। केंद्रीय मंत्री डा. महेश



शर्मा ने एयरपोर्ट का शिलान्यास कराने के लिए पूरी ताकत लगा दी। उन्होंने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को शिलान्यास के लिए मना भी लिया था।


लेकिन जिला प्रशासन जमीन का मुआवजा नहीं बांट सका। इससे अंतिम समय में एयरपोर्ट का शिलान्यास टालना पड़ा। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में साफ कर दिया कि जेवर एयरपोर्ट बनेगा। यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। केंद्र सरकार जल्द निर्माण संबंधी प्रक्रियाओं को पूरा कराकर एयरपोर्ट का काम शुरू कराएगी।


शुरूआती दौर में 50 लाख यात्रियों भरेंगे सालाना उड़ान : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कर दिया कि जेवर एयरपोर्ट का निर्माण लोकसभा चुनाव के बाद शुरू हो जाएगा। 2023 तक निर्माण पूरा कर हवाई जहाज की उड़ान शुरू करने का लक्ष्य है। पीडब्लूसी द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार पहले साल में करीब 50 लाख यात्री उड़ान सेवाओं का उपयोग करेंगे। इसमें सबसे ज्यादा नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, बुलंदशहर, मथुरा, आगरा व दिल्ली के यात्री होंगे।