Reported By :- प्रिया शर्मा
नई दिल्ली : दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) व अन्य किसी सरकारी एजेंसी द्वारा आवंटित जमीन पर बने निजी स्कूलों को फीस बढ़ाने से पहले दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय से स्वीकृति लेनी होगी। निदेशालय ने इस संबंध में सकरुलर जारी कर दिया है। स्कूलों से कहा गया है कि फीस बढ़ाने से पहले उन्हें अपने वित्तीय मामलों से जुड़े रिकॉर्ड निदेशालय को देने होंगे। शिक्षा निदेशालय ने सकरुलर में हाई कोर्ट के 19 जनवरी 2016 के एक फैसले का हवाला दिया है। कोर्ट के इस आदेश के मुताबिक स्कूल फीस बढ़ोतरी से पहले निदेशालय से अपना प्रस्ताव जरूर पास कराएंगे। निदेशालय ने कहा कि हाई कोर्ट ने एक याचिका में शिक्षा निदेशक को इसके लिए निर्देशित किया था। कई अभिभावकों ने निजी स्कूलों की मनमानी से जुड़ी शिकायतें की हैं। स्कूलों की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
निदेशालय के मुताबिक इन निजी स्कूलों को 30 मार्च से 30 अप्रैल तक अपनी ट्यूशन फीस, अकादमिक सत्र की फीस को बढ़ाने का प्रस्ताव अनिवार्य रूप से भेजना होगा। 30 मार्च से शिक्षा निदेशालय अपनी वेबसाइट में इस व्यवस्था के लिए अलग से लिंक देगा। इसमें स्कूलों को अपने वित्तीय रिकॉर्ड व उससे संबंधित दस्तावेज देना होगा। अधूरी जानकारी मिलने पर स्कूलों को फीस बढ़ाने की स्वीकृति नहीं दी जाएगी। इस अकादमिक सत्र में फीस बढ़ाने के लिए निदेशालय की स्वीकृति लेने के लिए स्कूलों को प्रस्ताव भेजने होंगे।
प्रस्ताव की होगी जांच :
शिक्षा निदेशालय के उप निदेशक योगेश प्रताप ने स्कूलों को प्रस्ताव भेजने के लिए कहा है। स्कूलों द्वारा भेजे गए प्रस्ताव की जांच की जाएगी। अगर किसी स्कूल ने फीस बढ़ाने का प्रस्ताव निदेशालय को नहीं भेजा तो वह फीस नहीं बढ़ा सकता है। यदि इसके बावजूद फीस बढ़ाने का निर्णय लेने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।