पेयजल आपूर्ति व रिसाव की अब 24 घंटे होगी निगरानी

REPORTED  BY  ; प्रिया शर्मा 


नई दिल्ली : राजधानी में पेयजल प्रबंधन व पानी की बर्बादी रोकने के लिए जल बोर्ड ने बड़ा कदम उठाया है। जल बोर्ड के जल शोधन संयंत्रों (डब्लयूटीपी) से जुड़े भूमिगत जलाशयों और उसके पाइपलाइन में फ्लो मीटर लगाए जा रहे हैं। बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया ने बोर्ड मुख्यालय में शनिवार को डाटा एक्यूजिशन सेंटर का शुभारंभ किया। इसकी मदद से पानी आपूर्ति के सही आंकड़े 24 घंटे उपलब्ध होंगे। इससे जल बोर्ड को यह मालूम चल सकेगा कि संयंत्रों से किस वक्त, कितना पानी प्राथमिक व सेकेंडरी जलाशयों में पहुंचा।


जल बोर्ड बोर्ड के उपाध्यक्ष दिनेश मोहनिया ने कहा कि अभी तक बोर्ड को यह मालूम नहीं कि किस इलाके में कितना पानी पहुंच रहा है। कहां पानी की कमी है और कहां पानी की बर्बादी हो रही है। फ्लो मीटर से यह समस्या दूर होगी। जल बोर्ड के प्राथमिक व सेकेंडरी जलाशयों को 2700 फ्लो मीटर से जोड़ा जा रहा है। जल प्रबंधन के लिए देश में पहली बार इतने फ्लो मीटर लगाए जा रहे हैं। इसका फायदा यह होगा कि डाटा एक्यूजिशन सेंटर में ही सेकेंडरी स्तर तक के जलाशयों से पानी आपूर्ति की निगरानी की जा सकेगी। इससे गर्मी में पेयजल किल्लत दूर करने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि डीएमएस (डाटा मैनेजमेंट सिस्टम) को लागू करने की योजना पर काम किया जा रहा है। इसके तहत कालोनियों व हर उपभोक्ता के घर तक पानी आपूर्ति का पूरा लेखाजोखा उपलब्ध होगा।



जल बोर्ड के तकनीकी सदस्य आरएस नेगी ने कहा कि जल बोर्ड प्रतिदिन करीब 900 एमजीडी पानी आपूर्ति करता है। जल बोर्ड के नौ जगहों पर जल शोधन संयंत्र (डब्ल्यूटीपी) हैं। इन संयंत्रों से पानी छोड़ने के बाद कितना पानी प्राथमिक व सेकेंडरी जलाशयों तक पहुंचता है उसका इसका सही डाटा उपलब्ध नहीं है। डाटा एक्यूजिशन सेंटर इस कमी को दूर करेगा। इसलिए पहले चरण में 120 प्राथमिक भूमिगत जलाशयों और उससे जुड़े पाइपलाइनों पर करीब 400 फ्लो मीटर लगाए जा चुके हैं। दूसरे चरण में जल बोर्ड के 600 से अधिक सेकेंडरी जलाशयों और उसके पाइपलाइन के नेटवर्क को फ्लो मीटर लगाए जाएंगे।


मोबाइल एप से भी मिलेगी जानकारी: डाटा एक्यूजिशन सेंटर का मोबाइल एप भी तैयार किया जा रहा है। इससे अधिकारियों को मोबाइल पर भी हर घंटे की पानी आपूर्ति की सही जानकारी मिलती रहेगी।