reported by ;-रेनुका राजपूत
जीटीबी अस्पताल के पास जाम को खत्म करने के लिए सड़क पर कट बंद कर दिया गया.. इससे जाम कम नही हुआ.. उल्टे मरीज के लिए परेशानी बढ़ गयी यहा वाहन से आने वाले मरीजो को एक किलोमीटर का चक्कर लगाना पड रहा है राहगीरों को भी जान जोखिम में डालकर सडक पार करना पड़ रहा है गंभीर हालत में मरीजो को लेकर पहुचने वाली एंबुलेंस को भी इतना ही घूमना पड़ रहा है मरीजो की परेशानी को देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने इसका विरोध जताया है अस्पताल के चिकित्सा निर्देशन डॉ सुनील कुमार का कहना है की सडक पर कट बंद करने से पहले एक बार बातचीत करनी चाहिए थी उन्होंने कट को खोलने के लिए यातायात पुलिस को पत्र लिखा..
दरअसल अस्पताल में दो गेट है गेट नंबर 2 से वहां और 7 नम्वर गेट से पैदल मरीज आते जाते है इस वजह से यहा पर इ- रिक्शा ,ग्रामीण सेवा और तिपहिया वाहनों की भीड़ रहती थी इस कारण यहा जाम लगा रहता था इसके पास ही दिल्ली राज्य केंसर संस्थान का भी गेट है जाम को खत्म करने के लिए यातायात पुलिस और pwd ने दोनों गेट के सामने कट बंद कर दिया अस्पताल के एक डॉ ने बताया की जब से कट बंद कर दिए गये है अस्पताल की तरफ वाली सडक पर जाम बढ़ गया है क्योकि ई –रिक्शा ऑटो से आने वाले मरीजो को अब इबहास की तरफ की तरफ से मुड़ना पड रहा है गेट नंबर 7 के सामने कट बंद करने के लिए बड़ा बैरिकेट लगाया गया है ,इससे दोपहिया वाहन भी सडक पार नही कर सकते उन्हें भी इबहास से घूमकर गेट नंबर दो से आना पड़ रहा है ,जबकि आधे मरीज गेट नंबर सात अस्पताल में आते थे
एफ पॉकेट ,जी टी बी एंक्लेव के लोगो का कहना है की बैरिकेट पार कर दूसरी तरफ जाना पैदल यात्रिओ के लिए जोखिम भरा है कम से कम ऐसे व्यवस्था की जाती ,जिससे पैदल मरीज सड़क पार कर सके उनका कहना है की यह आये दिन एंबुलेंस जाम में फसी नजर आती है इससे पहले जी टी बी एंक्लेवके ई पॉकेट के सामने भी कट बंद कर दिया गया था यह के लोग इस कट को खोलने की मांग कर रहे है इसका भी काफी विरोध हुआ था इस पर यातायात पुलिस के अधिकारी कुछ बोलने के लिए तैयार नही है एक अधिकारी ने कहा की उन्हें इस संबंध में कोई जानकारी नही है