reported by ;- प्रिया शर्मा
कांग्रेस मैं सीटों के बंटवारे पर अंतिम समय में निर्णय लिया गया इसमें प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के उम्मीदवार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित पर भारी पड़े शीला दीक्षित का चांदनी चौक से बदलकर उत्तर पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र कर दिया गया
कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि शीला शुरू से पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ना चाहती थी इस क्षेत्र से उनका पुराना लगाव है उनके बेटे संदीप दीक्षित यहां से दो बार सांसद रह चुके हैं इसके अलावा राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान विकास कार्य पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में हुए थे ओखला व् जंगपुरा विधानसभा क्षेत्रों में शीला दीक्षित ने काफी काम करवाए हैं भागीदारी योजना के तहत वह पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र के विभिन्न आरडब्लूए पदाधिकारी के भी संपर्क में थी
इसके साथ ही वह इस संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ चुकी है और इस क्षेत्र से उन्हें काफी वोट मिले थे भले ही वह चुनाव हार गई थी इन सब से साथ साथ पूर्वी दिल्ली के अधिकतर कांग्रेसी नेता दीक्षित के यहां से चुनाव लड़ने से खुश थे शीला दीक्षित उत्तर पूर्वी दिल्ली से पूर्व विधायक मतीन अहमद और जेपी अग्रवाल को चांदनी चौक से चुनाव लड़वाना चाहती थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ उन्हें शुरू में चांदनी चौक का उम्मीदवार बनाया गया और पूर्वी दिल्ली से अरविंद सिंह लवली के नाम की घोषणा की गई
जे पी अग्रवाल को उत्तर पूर्वी दिल्ली सीट का उम्मीदवार बनाया गया लेकिन टिकटों की अधिकारिक घोषणा के समय स्थितियां बदल गई शीला का उत्तर पूर्वी दिल्ली व् जे पी अग्रवाल को चांदनी चौक भेज दिया गया पूर्वी दिल्ली में कोई बदलाव नहीं हुआ है कांग्रेश सूत्र कहते है कि शीला दीक्षित को मानते हुए यहां से चुनाव लड़ना चाहती थी लेकिन अरविंदर सिंह लवली भारी पड़े लवली इसी संसदीय क्षेत्र के गांधीनगर विधानसभा क्षेत्र से कई बार विधायक रहे हैं इसके अलावा पूर्वी पूर्वी दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में उनकी अच्छी पकड़ है संसदीय क्षेत्र के दोनों जिलों के संगठन में भी उनकी बेहतर पहुंच है युवाओं के बीच लोकप्रिय है जिससे लवली के आने से इस संसदीय क्षेत्र का मुकाबला रोचक हो गया