राबड़ी देवी ने मोदी सरकार के उज्जवला योजना पर उठाया सवाल, बोलीं- गरीब को गैस देकर अपनी पीठ थपथपाई..

नई दिल्ली: 


लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) के दौरान राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की नेता व बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (Rabri Devi) ने बीजेपी सरकार की उज्जवला योजना पर निशाना साधा है. राबड़ी देवी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए एक ट्वीट किया है. जिसमें राबड़ी देवी (Rabri Devi) का कहना है कि सरकार ने गरीब को गैस देकर तो अपनी पीठ थपथपा ली है, लेकिन गैस भरवाने के पैसे का कोई इंतजाम नहीं किया. गैस के दाम 1100 रुपए बढ़ा दिए और गरीब के घर का सिलेंडर सिर्फ रखा रह गया. राबड़ी देवी (Rabri Devi) ने बीजेपी (BJP) के स्लोगन 'अबकी बार मोदी सरकार' पर भी चुटकी ली. उन्होंने लिखा, गरीब की आह बेकार नहीं जाएगी, अबकी बार इन्हें मजा चखाएगी. राबड़ी ने बिहार की क्षेत्रीय भाषा में यह ट्वीट किया है



राबड़ी देवी ने ट्वीट किया, ''ई हवा-हवाई सरकार गरीब के गैस के कनेक्शन दे के आपन पीठ थपथपलईस बाकी दुबारा गैस भरवावे के कौनो इंतजाम नईखे कईलस और कोढ में खाज के काम करता. गैस के 1100 रू दाम बढ़ा के रसोईघर के बदरंग कर देलस। गरीब के घर में लागल सिलिंडर धईल रह गेईल। गरीब के आह बेकार ना जाई अबकी बार इनका के मजा चखाई.'' पिछले दिनों बीजेपी सरकार के केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने राजद नेता राबड़ी देवी के बिहार में राजग में दरार के दावों को खारिज करते हुए यह कहकर विवाद उत्पन्न कर दिया कि बेहतर होगा कि 'वह घूंघट में रहें'.



इस पर राबड़ी देवी ने एक वीडियो बयान जारी किया है जिसे उनकी पार्टी ने सोशल मीडिया पर प्रसारित किया है. जिसमें उन्होंने चौबे से पूछा है कि क्या उनकी पुरुषवादी सोच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ' अभियान के अनुरूप है. राबड़ी ने वीडियो में कहा, 'चौबेजी आपको देश के लोगों को यह बताना चाहिए कि आपको महिलाओं के घूंघट से बाहर निकलने और सामाजिक जीवन में शामिल होने से क्या परेशानी है.'


चौबे ने यह बयान बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री की ओर से किये गए इस दावे पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दिया कि नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद के अगुवाई वाली राजद से अलग होने और राजग में वापसी के कुछ समय बाद राजद के साथ फिर से एक होने की बात की थी. राबड़ी ने दावा किया कि पूर्व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर कुमार के दूत के तौर पर पांच बार उनके पास आये थे और उन्होंने जदयू अध्यक्ष कुमार पर विश्वास नहीं होने के चलते उन्हें वापस कर दिया था.उन्होंने यह भी दावा किया कि इससे संकेत मिलता है कि जदयू और भाजपा के बीच सब कुछ ठीक नहीं है.