भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने तोड़े जाने की अटकलों पर लगाया विराम..

REPORTED by:- संदीप कुमार 


उत्तर पूर्वी दिल्ली :- उस्मानपुर पुश्ता रोड पर लोगों की सुविधा के लिए हाल में बनाए गए छह बस स्टैंडों को तोड़े जाने की अटकलों पर भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने विराम लगा दिया है। इलाके में यह चर्चा जोरों पर है कि अक्षरधाम मंदिर से बागपत के बीच बनने वाली करीब 19 किलोमीटर लंबे एलिवेटेड सड़क (एनएच-709 बी) के निर्माण के चलते यहां बनाए गए बस स्टैंड तोड़ दिए जाएंगे। इस संबंध में एचएचएआइ ने स्पष्ट कर दिया है कि एलिवेटेड रोड के निर्माण की वजह से बस स्टैंड नहीं तोड़े जाएंगे। इस सूचना से लोगों को बड़ी राहत मिली है।



गौरतलब है कि कुछ समय पहले तक उस्मानपुर पुश्ता रोड पर एक भी बस स्टैंड नहीं था। इस वजह से बस यात्रियों को परेशानी होती थी। कड़ी धूप व बरसात में लोगों की दिक्कत और बढ़ जाती थी। लोग लंबे समय से बस स्टैंड बनवाने की मांग कर रहे थे। करीब 15 दिन पहले विधायक निधि से यहां छह बस स्टैंड का निर्माण करवाया गया, जिससे यात्रियों को बड़ी राहत मिली है। ये बस स्टैंड गढ़ी मेंडू गांव, पांचवां पुश्ता व तीसरा पुश्ता जगजीत नगर में बनाए गए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि वह कई वर्षो से यहां बस स्टैंड बनवाने की मांग कर रहे थे। स्टैंड न होने के कारण बसों के रुकने का स्थान तय नहीं नहीं था। कई बार बसें रुकती भी नहीं थी। अब लोग बस स्टैंड बनने से काफी खुश हैं, वह एक जगह बैठकर बस के आने का इंतजार करते हैं। 26 जनवरी को केंद्रीय परिवहन और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी ने अक्षरधाम मंदिर से बागपत के पावी गांव तक एलिवेटेड रोड के निर्माण की आधारशिला रखी थी, जिसका निर्माण कार्य अगले महीने से शुरू होने वाला है। हालांकि एलिवेटेड रोड के रास्ते में पड़ने वाले हाइटेंशन तार के खंभों को हटाने का काम शुरू कर दिया गया है।


 


यह बस स्टैंड विधायक निधि से 56 लाख रुपये की लागत से बनवाए गए हैं। लोग लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। इसके बनने से लोगों को बहुत राहत मिली है। एलिवेटेड रोड के निर्माण कार्य के चलते बस स्टैंड को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा।



श्रीदत्त शर्मा, घोंडा विधायक


 


एलिवेटेड रोड के निर्माण कार्य की वजह से बस स्टैंड को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा। अगर सड़क चौड़ीकरण में बस स्टैंड आड़े आते हैं तो हम उसका समाधान निकाल लेंगे।


 


आरपी सिंह, प्रोजेक्ट हेड एनएचएआइ।