दिल्ली के छोटे रेलवे स्टेशनों में नहीं है कोई सुरक्षा व्यवस्था..

संवाददाता :- दिनेश सोलंकी 


नई दिल्ली : देश की राजधानी में बने छोटे रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा राम भरोसे है। जिसके चलते दिल्ली के बड़े रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा भी खतरे में है। क्योंकि यहां से कोई भी असामाजिक तत्व विस्फोटक आदि लेकर आसानी से दिल्ली के बड़े रेलवे स्टेशनों में दाखिल हो सकते हैं।



दिल्ली के छोटे स्टेशनों पर मेटल डिटेक्टर, स्कैनर नहीं है। साथ ही यात्रियों के सामान की जांच के लिए पुलिसकर्मी तक तैनात नहीं हैं। इससे यात्रियों की जान-माल की सुरक्षा का खतरा बढ़ जाता है, वहीं किसी भी प्रकार की बड़ी घटना को भी अंजाम दिया जा सकता है। दिल्ली में करीब तीन दर्जन रेलवे स्टेशन ऐसे हैं, जहां सुरक्षा और जांच के नाम पर कुछ भी नहीं है। सामान की जांच की बात तो दूर, यहां कोई पुलिसकर्मी दिखाई तक नहीं देता है। लोगों की जांच के नाम पर यहां कुछ नहीं है। जो चाहे रेलवे स्टेशन में कोई भी सामान या हथियार लेकर प्रवेश कर सकता है। पैसेंजर ट्रेन के जरिए इन छोटे स्टेशनों से दिल्ली के किसी भी बड़े और व्यस्त रेलवे स्टेशन तक पहुंचा जा सकता है। सुरक्षा व्यवस्था की हालत यह है कि तिलक ब्रिज, शिवाजी ब्रिज, विवेक विहार, मंडावली, शकूर बस्ती, ओखला, बिजवासन, रेलवे स्टेशन पर एक भी सुरक्षाकर्मी नजर नहीं आता। तिलक ब्रिज रेलवे स्टेशन पर तो एक प्लेटफार्म पर एक साथ चार चूल्हे जलाए जा रहे थे। रेलवे स्टेशनों पर झोपड़ियों पर रहने वाले लोग ट्रैक के बगल में लकड़ियों को जलाकर चूल्हे में खाना बनाते हैं। एसे में कभी कोई बड़ी घटना होने की आशंका बनी रहती है। इस पर कोई अधिकारी ध्यान नहीं देता।