Reported BY:- संजीव कुमार
हमारे देश को जाने किसकी नजर लगी ..हमारे देश के नेताओ को ना जाने क्या हो गया है .. कोई अच्छा काम करें फिर भी उसे नीचा दिखाने के लिए होड़ लगी हुई है .. अभद्र भासा चालू हो गई है .. जनता इस कारण बहुत दुखी है .. आज सबको पता है की जिससे भ्रष्टाचारियों को डर लगता है .. आतंकवादी को डर लगता है .. चीन पाकिस्तान को डर लगता है.. बेईमानों को डर लगता है.. वह एक ही नाम है देश के माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी .. आज उनके बराबर कोई नेता नहीं है ..
अगर मोदी जी कोई अच्छा काम करते हैं तो विपक्षीदल उन्हें नीचा दिखाने के लिए हर कोशिश करते हैं.. जहां तककी गाली गलौज पर भी उतर जाते हैं .. अगर हमारे शहीद सुभाष चंद्र बोस , भगत सिंह , चंद्रशेखर आजाद आदि को पता होता देश की आजादी के बाद नेता आपस में लड़ेंगे तो वह बलिदान कभी नहीं देते .. हर भारतवासी का एक ही सपना है कि हम सब भारतवासी आपसी भेदभाव बुलाकर मिल जुल कर रहे एक दूसरे नेता की टांग खींचने से हमारे देश की बाहर विदेशों में बदनामी होती है .. हंसी उड़ाई जाती है .. और इन सब का कारण हमारी गंदी राजनीति है .. हमारे देश में जब राम राज्य आएगा .. जब कोई प्रधानमंत्री , देश का नागरिक कोई अच्छा काम करेगा सब उसकी तारीफ करें जिससे कि वह आगे और भी अच्छा कार्य करें हमारे नेता यह भूल गए है कि सेना को राजनीति से कोई मतलब नहीं है फिर भी उनसे सबूत मांगे जाते हैं सेना को हमारी हर समय अपनी जान पर खेलकर भूखे रहकर मुसीबत शह कर हम देशवासियों की रक्षा करते हैं आज देश को एक मजबूत प्रधानमंत्री मिले हैं सब नेताओं का वह विपक्षी दलों का यह फर्ज बनता है उनकी तारीफ करें क्योंकि वह अच्छा कार्य कर रहे हैं उनके नेतृत्व में देश आगे जा रहा है हो सकता है आगे आने वाले समय में किसी और पार्टी के नेता प्रधानमंत्री बने सबका अपना टाइम होता है हम सब को एक रहना चाहिए तभी हमारा देश मजबूत होगा और विदेशी देश भी हमारी इज्जत करेंगे और हमारे देश के ऊपर आंख उठाने की हिम्मत नहीं करेंगे उस दिन हमारा देश महान बनेगा कोई भेदभाव नहीं होगा हम सब को सुधारना पड़ेगा अपने बुजुर्गों के अच्छे संस्कारों के तहत चलना होगा हमारे देश में हर 5 साल में चुनाव आते हैं सबको मौका मिलता है लेकिन जो अच्छा कार्य करता है सफलता उसे ही मिलती है इसलिए मेरी सभी नेताओं से प्रार्थना है क्या आप सब अच्छा कार्य करें किसी के बारे में बुरा ना सोचे अगर कुछ कहना है समझदारी से और पद की गरिमा को समझते हुए विरोध करना चाहिए