झुग्गी के रास्ते दिल्ली फतह की आस : मनोज तिवारी

REPORTED BY : प्रिया शर्मा


लोक सभा चुनाव में झुग्गी बस्तियों से मिले समर्थन ने भाजपा में उम्मीद जगा दी है। उसे लगता है कि आम आदमी पार्टी (आप) व कांग्रेस के समर्थक समङो जाने वाले झुग्गीवासी अब भाजपा के साथ खड़े हो रहे हैं, इसलिए इनके बीच सक्रियता बढ़ाने का फैसला किया गया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने इसकी शुरुआत बुधवार को वजीराबाद की झुग्गी बस्ती में रात्रि प्रवास करके कर दी है। आने वाले दिनों में वह दिल्ली की अन्य झुग्गी बस्तियों में भी जाकर वहां के निवासियों की तकलीफों को नजदीक से देखकर उसे हल करने की योजना बनाएंगे।



राजधानी की झुग्गी बस्तियों और पुनर्वास कॉलोनियों में लाखों की संख्या में लोग रहते हैं जिनका समर्थन हासिल करना भाजपा के लिए बड़ी चुनौती थी। उनका समर्थन पहले कांग्रेस को और बाद में आम आदमी पार्टी को मिलता रहा है। भाजपा को इन बस्तियों व कॉलोनियों में नाम मात्र के ही वोट मिलते थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में समीकरण बदल गए हैं। इन लोगों ने भाजपा के पक्ष में खुलकर मतदान किया। यही कारण है कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली संसदीय क्षेत्र में आने वाले सीलमपुर विधानसभा को छोड़कर लगभग उन सभी विधानसभा क्षेत्रों व अधिकांश वार्डो में भाजपा प्रत्याशियों को बढ़त मिली है जहां झुग्गी बस्तियां स्थित हैं।



भाजपा ने इनका समर्थन हासिल करने के लिए इस बार योजनाबद्ध तरीके से काम भी किया है। नवंबर, 2016 में प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद मनोज तिवारी ने पार्टी की कमजोर कड़ी को दुरुस्त करने की मुहिम शुरू कर दी थी। इसके लिए नए साल का स्वागत के साथ ही कई त्योहार वह झुग्गीवालों के साथ मनाते आ रहे हैं। अध्यक्ष बनने के बाद अबतक 20 रातें झुग्गियों में गुजारी हैं। इसके साथ ही 630 जेजे (झुग्गी झोपड़ी) कलस्टर में पालक व उसके सहयोगी लगातार काम करके भाजपा के जनाधार को बढ़ाया है।



इन इलाकों में भाजपा का आधार बढ़ने का एक और बड़ा कारण नरेंद्र मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाएं हैं। इन योजनाओं का लाभ लाखों लोगों को मिला है जिससे लोग भाजपा के साथ जुड़ रहे हैं। इन झुग्गी बस्तियों में पूरबिया लोगों की अच्छी तादाद है। दिल्ली में पूरबिया आबादी को देखते हुए भाजपा ने तिवारी को दिल्ली की कमान सौंपी है जिसका लाभ नगर निगम चुनावों के बाद लोकसभा चुनाव में भी मिला है। वह इस आधार को और बढ़ाना चाहते हैं जिससे कि विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत आसान हो सके।



यही वजह है कि चुनाव परिणाम आने के एक सप्ताह के अंदर ही वह फिर से झुग्गी बस्ती में पहुंच गए। उनका कहना है कि झुग्गी में रहने वालों ने विधानसभा चुनाव में अर¨वद केजरीवाल के झूठे वादों पर विश्वास करके उन्हें अपना समर्थन दिया था, लेकिन उन्हें निराशा हाथ लगी। लोकसभा चुनाव में इसकी झलक मिल गई है अब लोग केजरीवाल से दिल्ली को मुक्त कराने का संकल्प ले रहे हैं।