अंधाधुंध गोलियां बरसा कर खुरवेश पहलवान की सरेराह हत्या ..

Reported by :- संदीप कुमार 


पूर्वी दिल्ली


वजीराबाद रोड पर दिन में करीब 10:35 बजे जो हुआ, उसे देखकर हर कोई दहल गया। लाल बत्ती पर गाड़ियां खड़ी थीं। तभी पीछे से दो बदमाश आए। सेंट्रो कार पर चालक और उसके साथ की सीट पर दोनों बदमाशों ने अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी। आसपास खड़ी गाड़ियों में लोग इस डर से दुबक गए कि कहीं उन्हें कोई गोली न लग जाए। बदमाश गोलियां चलाने वाले के बाद भागे। लेकिन तभी एक बदमाश वापस आया। उसने कार में झांककर देखा और फिर दोनों पर एक-एक गोली बरसा दी। इसके बाद वह भाग निकला। इस दौरान यहां मौजूद लोग मूकदर्शक बने रहे। यही हाल सड़क की दूसरी तरफ खड़े दो यातायात पुलिसकर्मियों का था। वह भी अपनी जगह से टस से मस नहीं हुए।



एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि किसी की भी इतनी हिम्मत नहीं हुई कि कोई अपने वाहन से बाहर आ जाए। जिस तरह से बदमाश गोलियां बरसा रहे थे, उसमें हर किसी को अपनी जान खतरे में प्रतीत हो रही थी। बदमाशों के जाने के बाद सभी लोग सेंट्रो कार की तरफ पहुंच गए। लोग मोबाइल से वीडियो बनाने लगे। इसके बाद यातायात पुलिसकर्मियों ने लोगों को वहां से हटाया।


खुरवेश की लोकेश से तीन साल में दो बार हुई लड़ाई : इस मामले का  मुख्य आरोपित लोकेश है। लोकेश के साथ पहली बार खुरवेश से 2015 में झगड़ा हुआ था। इसका कारण फिलहाल पता नहीं चला है। लेकिन पिछले साल पहलवान कहकर बुलाने पर खुरवेश ने लोकेश के साथ मारपीट की थी। लोकेश ने इसी का बदला लेने के लिए हत्या कर दी। इस मामले में गिरफ्तार आशु का अशोक नगर इलाके में स्थित मुंशी मार्केट में पुरानी कारों की खरीद-बिक्री का काम है। आशु लोकेश का भांजा है। लोकेश पर मारपीट और झपटमारी के चार मामले दर्ज हैं।


खुरवेश और कंछी को मौत के घाट उतारने के आरोपितों लोकेश और अंकुर को शायद इस बात इल्म नहीं था कि जिस जगह वह वारदात को अंजाम दे रहे हैं, वहां सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। वारदात को अंजाम देने के बाद जब बदमाश पैदल फरार हो रहे थे, तभी वह सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गए। वारदात के कुछ ही देर बाद बदमाशों की सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गई।



सूत्रों की माने तो बदमाश खुरवेश का पीछा उस समय से कर रहे थे, जब वह नंदनगरी स्थित अपने अखाड़े से कार लेकर निकला था। खुरवेश जब कार का एसी ठीक करवाने जा रहा था, तब बदमाशों को वारदात अंजाम देने का मौका नहीं मिला। लेकिन जब खुरवेश वापस अखाड़े लौट रहा था तो चारखंभा बत्ती लाल होने के कारण यातायात रुका था। इससे खुरवेश को भी कार रोकनी पड़ी, बदमाशों के पास यही मौका था। बदमाशों की कार उसकी कार से थोड़ी पहले रुकी थी, कार चलाने वाला बदमाश उसी में बैठा रहा, जबकि तीन से चार बदमाश कार से उतरकर आए और खुरवेश की कार के पास पहुंचते ही गोलियां चला दी। इसके बाद पैदल ही उत्तर प्रदेश के भौपुरा की ओर फरार हो गए। उधर, एक बदमाश कार लेकर नंदनगरी की ओर निकल गया।



15 दिन पहले ही जमानत पर बाहर आया था खुरवेश : खुरवेश कुख्यात गैंगस्टर सत्यप्रकाश उर्फ सत्ते का खास आदमी था। वह 15 दिन पहले ही जमानत पर मंडोली जेल से बाहर आया था। उसके परिवार के कई सदस्य आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। छोटी होली पर खुरवेश का घर के पास रहने वाले कुछ लोगों से झगड़ा हो गया था, उस केस में खुरवेश को जेल हुई थी। उसके परिवार के सदस्यों ने बताया कि जैसे ही खुरवेश जेल से बाहर आया, उसके फोन पर किसी ने मैसेज करके धमकी दी कि वह उसे जान से मार देगा। यह बात खुरवेश ने परिवार को बताई थी, लेकिन पुलिस से कोई शिकायत नहीं की। परिजनों ने दावा किया है कि मैसेज उसे मंडोली जेल में बंद कुछ कैदियों ने भेजा था। उन्होंने कुछ लोगों पर हत्या का शक जाहिर किया है। खुरवेश के पिता राम सिंह ने कहा कि खुरवेश और उनकी बातचीत नहीं होती थी। एक घर में रहने के बाद भी वह एक दूसरे के लिए अंजान थे। उन्हें पसंद नहीं था कि खुरवेश पहलवानी करे। उनके दूसरे बेटे भी खुरवेश की राह पर चले, इसलिए उन्होंने अपने चारों बेटों से भी किनारा कर लिया।



शवगृह पर लगा बदमाशों का जमावड़ा : खुरवेश की हत्या की खबर नंदनगरी में आग की तरह फैली। नंदनगरी और आसपास के इलाकों के बदमाश जीटीबी अस्पताल की मोर्चरी पर जमा हो गए। इन बदमाशों में इलाके का घोषित बदमाश सत्य प्रकाश उर्फ सत्ते भी शामिल था। कोई बवाल न हो, इसलिए वहां पुलिस भी तैनात रही।