दंगा पीड़ित सिख परिवारों को बेघर कर रही दिल्ली सरकार: तिवारी

REPORTED BY:- दिनेश सोलंकी 


नई दिल्ली : दिल्ली प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार पर 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ित परिवारों को बेघर करने की साजिश करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि मंगोलपुरी स्थित पंजाबी कैंप में रहने वाले लगभग ढाई सौ दंगा पीड़ित परिवारों को घर खाली करने का नोटिस दिया गया है। केजरीवाल सरकार बिना आश्रय दिए लाचार और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के इन परिवारों को उजाड़कर अपनी सिख विरोधी मानसिकता को जाहिर कर रही है।



तिवारी ने कहा कि आम आदमी पार्टी (आप) ने दंगा पीड़ित सिख परिवारों के पुनर्वास, शिक्षा, रोजगार देने का वादा विधानसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणा पत्र में किया था। आप के इन झूठे वादों पर विश्वास करके सिखों ने चुनाव में पार्टी का समर्थन किया था। लेकिन, सत्ता में आने के बाद मुख्यमंत्री केजरीवाल पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने के बजाय उन्हें बेघर करने पर तुले हुए हैं।



मुख्यमंत्री ने जो भी चुनावी वादे दिल्ली की जनता से किए उनमें से एक भी पूरा नहीं हुआ। पीड़ित सिख परिवार गरीबी में गुजर-बसर कर रहे हैं। दिल्ली सरकार ने न तो इन परिवारों के बच्चों की शिक्षा के लिए और न ही युवाओं के रोजगार के लिए कुछ किया। अब पंजाबी कैंप की हालत ठीक नहीं होने के बहाने इन्हें बेघर करने की साजिश रची जा रही है। पंजाबी कैंप की दशा सुधारने के लिए सरकार ने सिर्फ बैठकें कीं, लेकिन काम कुछ भी नहीं किया। स्थानीय विधायक भी इन बैठकों से शामिल नहीं हुईं। मुख्यमंत्री उनकी सहायता भी नहीं कर रहे हैं।



तिवारी ने कहा कि आखिर क्यों केजरीवाल सरकार लोकसभा चुनाव के बाद इन सिख परिवारों को हटाना चाहती है? इनके पुनर्वास की व्यवस्था क्यों नहीं की जा रही है? दरअसल, केजरीवाल लोकसभा चुनाव में मिली हार से बौखलाकर मंगोलपुरी स्थित पंजाबी कैंप में रहने वाले परिवारों से बदला लेना चाहते हैं। मुख्यमंत्री कई बार खुले मंच से लोगों को भाजपा को वोट नहीं देने के लिए डराते रहे हैं। उन्होंने हमेशा सत्ता में बने रहने के लिए धर्म, जाति पर आधारित तुष्टिकरण की राजनीति की है।